यह हैरानी की बात है कि भारत में आजकल भारतीय जनता पार्टी का हर दूसरा नेता यह डर दिखा रहा है कि बांग्लादेश जैसा हो जाएग या बांग्लादेश जैसा हो जाता अगर देश में मजबूत सरकार नहीं होती। यह बात उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कही है। उन्होंने सोमवार को एक कार्यक्रम में लोगों से (हिंदुओं से) अपील करते हुए कहा कि वे एक रहें। उनके शब्द थे, ‘बंटे तो कटेंगे’। फिर उन्होंने कहा कि बांग्लादेश जैसी स्थिति हो सकती है। इसी तरह मंडी से भाजपा की सांसद कंगना रनौत ने किसान आंदोलन को लेकर एक बयान दिया तो कहा कि मजबूत सरकार नहीं होती तो बांग्लादेश जैसी स्थिति हो जाती।
क्या ऐसे नेताओं को पता भी है कि बांग्लादेश में क्या हुआ है? अगर पता होता तो भारत में वैसा होने की बात नहीं करते और न किसी तरह की शिकायत करते। बांग्लादेश में कट्टरंथी बहुसंख्यक आबादी ने सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ा और तख्तापलट कर दिया। उसके बाद बहुसंख्यक आबादी के लोग अल्पसंख्यकों पर हमले कर रहे हैं। अगर ऐसा कुछ भारत में होगा तो क्या होगा? यहां बहुसंख्यक कौन है और उसमें भी कट्टरपंथी कौन है? और बांग्लादेश जैसा कुछ हुआ तो कट्टरपंथी बहुसंख्यक किसके ऊपर अत्याचार करेंगे? लेकिन ऐसी तार्किक बातों से भाजपा नेताओं को मतलब नहीं है। वे यह भय दिखा रहे हैं कि बांग्लादेश में बहुसंख्यकों ने जो किया वही काम भारत में अल्पसंख्यक कर सकते हैं। इसके लिए बांग्लादेश का नाम लाने की क्या जरुरत है? भाजपा नेताओं की बड़ी जमात तो पहले से ही सभी तरह के अल्पसंख्यकों देशभक्ति को कठघरे में खड़ा किए हुए है।