कांग्रेस पार्टी के संगठन में कोई बदलाव होता है तो उसकी चिट्ठी संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल जारी करें तो बात समझ में आती है। टिकटों की घोषणा होती है तो उसकी भी चिट्ठी संगठन महासचिव जारी करे यह भी समझ में आने वाली बात है। लेकिन राज्यों में सरकार गठन या मंत्रियों की नियुक्ति आदि से जुड़ी चिट्टी कांग्रेस का संगठन महासचिव कैसे जारी कर सकता है? भारत के संविधान में बहुत साफ तौर पर लिखा हुआ है कि केंद्र में मंत्रियों की नियुक्ति प्रधानमंत्री का और राज्यों में मंत्रियों की नियुक्ति मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार होता है। सो, उस विशेषाधिकार में संगठन का कोई नेता कैसे दखल दे सकता है?
यह सही है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष की मंजूरी से ही मंत्री या मुख्यमंत्री नियुक्त होगा लेकिन तकनीकी तौर मुख्यमंत्री चुनने का फैसला विधायक करेंगे और बाकी मंत्रियों की नियुक्ति मुख्यमंत्री करेंगे। सो, टीएस सिंहदेव को छत्तीसगढ़ का उप मुख्यमंत्री नियुक्त करने की चिट्ठी संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल को नहीं जारी करनी चाहिए था। चिट्ठी में लिखा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष ने उनको उप मुख्यमंत्री नियुक्त किया है। एक तो यह तकनीकी रूप से गलत है और दूसरे इससे यह मैसेज भी गया है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नहीं चाहते थे और राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सिंहदेव को उप मुख्यमंत्री नियुक्त किया। कुछ दिन पहले जब कर्नाटक में सरकार बन रही थी तब भी मंत्रियों की सूची कांग्रेस के राष्ट्रीय कार्यालय से जारी हुई थी और वह भी वेणुगोपाल ने जारी की थी। यह काम मुख्यमंत्री का होता है। कांग्रेस संगठन में प्रखंड स्तर के पदाधिकारियों की नियुक्ति की चिट्ठी भी कांग्रेस के संगठन महासचिव जारी करते हैं लेकिन कम से कम सरकार के मामले में ऐसा नहीं करना चाहिए।