elon musk india : अमेरिका में इलॉन मस्क की अध्यक्षता में बने डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशियंसी यानी डीओजीई ने भारत और दुनिया के दूसरे देशों को मिलने वाला चुनावी फंड रोक दिया है।
यह फंड 42 सौ करोड़ रुपए का है, जिसमें से 182 करोड़ रुपए भारत को मिलते थे। इसका इस्तेमाल चुनाव के समय मतदाताओं को जागरूक करने और मतदान में उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए किया जाता था।
जब अमेरिका ने यह फंड रोक दिया है, तब भाजपा की आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय की नींद खुली और उन्होंने कहना शुरू किया कि इसका फायदा कांग्रेस को हो रहा था। (elon musk india)
उन्होंने एक अजीबोगरीब तर्क गढ़ा कि मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने का मतलब होता है कि सत्तारूढ़ दल के खिलाफ वोटिंग के लिए प्रेरित करना और चूंकि सत्तारूढ़ दल भाजपा है इसलिए उसको नुकसान पहुंचाने के लिए इस फंड का इस्तेमाल हो रहा था।
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भाजपा को नुकसान पहुंचाने के लिए फंड (elon musk india)
गौरतलब है यह फंड एक समझौते के तहत भारत आता था और वह समझौता एसवाई कुरैशी के मुख्य चुनाव आयुक्त रहते मई 2012 में हुआ था।
अब सोचें, जब समझौता हुआ तो उस समय केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी और अगर मालवीय के तर्क के हिसाब से सत्तारूढ़ दल को नुकसान पहुंचाने के लिए यह फंड इस्तेमाल हो रहा था तो इसका मतलब है कि कांग्रेस ने अपने खिलाफ इस्तेमाल के लिए इस फंड का बंदोबस्त होने दिया?
सबको पता है कि मतदाताओं की भागीदारी बढ़ी तो कांग्रेस 2014 में बुरी तरह हार कर सत्ता से बाहर हुई। भाजपा को तो अब तक इसका कोई खास नुकसान हुआ नहीं है। (elon musk india)
और अगर उनको लग रहा है कि भाजपा को नुकसान पहुंचाने के लिए यह फंड था और इसके पीछे जॉर्ज सोरोस हैं तो 11 साल में भाजपा की केंद्र सरकार ने इसे खत्म क्यों नहीं कर दिया? अब भी भारत सरकार ने इसे बंद नहीं किया है, बल्कि अमेरिका ने किया है।