भाजपा अध्यक्ष के बारे में कब तक फैसला करेगी, इस सवाल की ही तरह यह सवाल भी अहम है कि किसको भाजपा का नया अध्यक्ष बनाया जाएगा? जेपी नड्डा को जब से केंद्र सरकार में मंत्री बनाया गया है तब से कई नामों की चर्चा हो रही है। लेकिन नरेंद्र मोदी और अमित शाह के भाजपा की कमान संभालने के बाद सारे अनुमान आमतौर पर गलत साबित होते रहे हैं। वे किसी को भनक नहीं लगने देते हैं कि क्या होने जा रहा है। लगभग हर मौके पर मीडिया में लगने वाला कयास गलत साबित हुआ है। चाहे मुख्यमंत्री के नाम का कयास हो या मंत्रियों के या भाजपा के अध्यक्ष या दूसरे पदाधिकारियों के नाम का कयास हो, मीडिया में जिसके नाम की चर्चा हो जाती है उसे नहीं बनाया जाता है। कई बार तो ऐसा लगता है कि मोदी और शाह सोच कर बैठे हैं कि मीडिया में जिसका नाम चल जाएगा उसे पद नहीं देना है। तभी अध्यक्ष पद के लिए जिन नामों की चर्चा हो रही है उन पर संदेह होता है।
फिर भी जो नाम चर्चा में हैं उनका जिक्र जरूरी है। पार्टी के दो महासचिवों, विनोद तावड़े और सुनील बंसल में से किसी को अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा है। कहा जा रहा है कि इन दो महासचिवों में से किसी एक को जेपी नड्डा के साथ कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया जाएगा और चार राज्यों का चुनाव खत्म होने के बाद उसी को पूर्णकालिक अध्यक्ष बना दिया जाएगा। इन दो के अलावा महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के नाम की भी चर्चा हो रही है। यह भी कहा जा रहा है कि इस बार किसी महिला को अध्यक्ष बनने का मौका मिल सकता है। सो, सभी वरिष्ठ महिला नेताओं की प्रोफाइल भी खंगाली जा रही है। किसी ओबीसी नेता के भी अध्यक्ष बनने की अटकलें लगाई जा रही हैं। हालांकि पिछले करीब 20 साल से एक ट्रेंड देखने को मिला है। लालकृष्ण आडवाणी के बाद राजनाथ सिंह, फिर नितिन गडकरी, उनके बाद फिर राजनाथ सिंह, तब अमित शाह और फिर जेपी नड्डा अध्यक्ष बने। यानी सभी सवर्ण अध्यक्ष बने हैं। ध्यान रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अति पिछड़ा समुदाय से होने का प्रचार भाजपा करती रहती है। तभी सवर्ण अध्यक्ष बनाए जाने की संभावना ज्यादा रहती है।