नई लोकसभा के गठित हुए एक महीने हो गए हैं और लोकसभा के सदस्य बनने के बाद जिन राज्यसभा सांसदों ने इस्तीफा दिया उसके भी दो हफ्ते या उससे ज्यादा हो गए हैं। लेकिन अभी तक चुनाव आयोग ने राज्यसभा की सीटों पर चुनाव की घोषणा नहीं की है। इस समय राज्यसभा की 16 सीटें खाली हैं। इनमें से चार सीटें तो जम्मू कश्मीर की हैं, जो बरसों से खाली हैं। चूंकि जम्मू कश्मीर में 2014 के बाद विधानसभा के चुनाव नहीं हुए हैं और 2014 में जो विधानसभा चुनी गई थी उसे नवंबर 2018 में भंग कर दिया गया था। उसके बाद से चुनाव नहीं हुए। तभी राज्य से चुने गए सभी चार सांसद रिटायर हो गए और चारों सीटें खाली हैं। माना जा रहा है कि इस साल सितंबर या अक्टूबर में विधानसभा के चुनाव होंगे। उसके बाद ही राज्यसभा की चार सीटों के चुनाव होंगे।
सो, जम्मू कश्मीर को छोड़ कर बाकी 12 सीटों के चुनाव की घोषणा जल्दी होनी चाहिए। ये सभी सीटें भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों को ही मिलेंगी। इनमें से 10 सीटें तो पहले से भाजपा की थीं लेकिन तीन सीटों का उसको फायदा हो रहा है। राजस्थान से कांग्रेस के सांसद केसी वेणुगोपाल इस बार लोकसभा का चुनाव जीते हैं तो उनकी सीट खाली हुई है। हरियाणा में दीपेंद्र हुड्डा के जीतने से एक सीट खाली हुई है और बिहार में राष्ट्रीय जनता दल की मीसा भारती की जीत से एक सीट खाली हुई है। विपक्षी पार्टियों की इन तीन सीटों का भाजपा को फायदा होगा, जिसमें बिहार की एक सीट उसने सहयोगी पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा के उपेंद्र कुशवाहा को देने का फैसला किया है।
फिलहाल जो 12 सीटें खाली हैं उनमें तीन सीटें महाराष्ट्र की हैं। बिहार और असम की दो दो सीटें हैं और इनके अलावा हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और त्रिपुरा की एक एक सीट है। इन सभी राज्यों में भाजपा या उसकी सहयोगी पार्टी की सरकार है। हर सीट की अधिसूचना अलग अलग जारी होगी और अलग अलग चुनाव होगा इसलिए किसी भी सीट पर विपक्ष के जीतने की संभावना नहीं है। बिहार की एक सीट जो सहयोगी पार्टी को दी गई है उसके अलावा सभी सीटों पर भाजपा को उम्मीदवार देने हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि महाराष्ट्र में भाजपा के सहयोगी एकनाथ शिंदे और अजित पवार किसी सीट पर दावा करते हैं या नहीं?
ध्यान रहे महाराष्ट्र और हरियाणा में इस साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल पांच नवंबर तक है और हरियाणा का 25 नवंबर तक। अगर दोनों राज्यों के चुनाव एक साथ होते हैं तो दोनों की अधिसूचना सितंबर में जारी होगी और अक्टूबर अंत तक चुनाव की प्रक्रिया पूरी करनी होगी। इसलिए माना जा रहा है कि इसी महीने या ज्यादा से ज्यादा अगले महीने के पहले हफ्ते तक राज्यसभा का चुनाव हो जाएगा। बिहार में हारे हुए मंत्री आरके सिंह के नाम की चर्चा है तो हरियाणा में कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हुईं किरण चौधरी को टिकट मिल सकती है। महाराष्ट्र में विधान परिषद में जाने से रह गए दो मराठा नेताओं के नाम की चर्चा है।