कांग्रेस की नेता रहीं और एक बार कांग्रेस की टिकट पर दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ चुकीं शर्मिष्ठा मुखर्जी खुश हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके पिता स्वर्गीय प्रणब मुखर्जी को बड़ा सम्मान दिया है। केंद्र सरकार ने महात्मा गांधी की समाधि राजघाट के परिसर में ही प्रणब मुखर्जी का स्मारक बनाने का ऐलान किया है। शर्मिष्ठा ने इसके लिए प्रधानमंत्री का आभार जताया है। लेकिन स्वर्गीय पिता के सम्मान के बाद अब क्या शर्मिष्ठा मुखर्जी को भाजपा कुछ देगी? जब से शर्मिष्ठा ने कांग्रेस के ऊपर हमला शुरू किया तब से कयास लगाए जा रहे थे कि भाजपा उनको उपकृत कर सकती है।
दिल्ली में उनके विधानसभा चुनाव लड़ने की भी बात हुई लेकिन ऐसा लग नहीं रहा है कि वे बहुत उत्सुक हैं दिल्ली में चुनाव लड़ने को क्योंकि दिल्ली में भाजपा से चुनाव लड़ना अब भी जोखिम का काम है। उधर उनके भाई अभिजीत मुखर्जी दो बार सांसद रह चुके हैं और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस से जुड़ गए हैं। जानकार सूत्रों का कहना है कि प्रणब मुखर्जी के प्रति अतिशय सदाशयता दिखा कर भाजपा कांग्रेस को तो कठघरे में खड़ा कर ही रही है साथ ही पश्चिम बंगाल के चुनाव पर उसकी नजर है। संभव है कि उस समय शर्मिष्ठा मुखर्जी के लिए भाजपा कोई भूमिका तय करे।