झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और ओडिशा के पूर्व राज्यपाल रघुबर दास सक्रिय राजनीति में लौट आए हैं। उन्होंने पिछले दिनों भाजपा की सदस्यता ली। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने उनको पार्टी की सदस्यता दिलाई। इस मौके पर सदस्यता अभियान से जुड़े नेता भी मौजूद थे। सदस्यता लेने से पहले पार्टी कार्यालय में रघुबर दास के समर्थकों की भारी भीड़ जुटी। उसके बाद जब वे अपने शहर जमशेदपुर लौटे तो पूरे रास्ते उनके काफिले को रोक कर स्वागत किया गया। लेकिन उसके बाद सब कुछ ठंडा पड़ा हुआ है। किसी को समझ नहीं आ रहा है कि उनकी भूमिका क्या होगी?
जानकार सूत्रों का कहना है कि बाबूलाल मरांडी और उनकी भूमिका एक साथ ही तय होगी। कहा जा रहा है कि पार्टी अभी मरांडी को प्रदेश की राजनीति में ही रखना चाहती है। तभी उनको विधायक दल का नेता बनाए जाने की चर्चा तेज हो गई है। अगर वे विधायक दल का नेता बनते हैं तो प्रदेश अध्यक्ष का पद खाली होगा, जो किसी गैर आदिवासी को मिलेगा। वह चेहरा रघुबर दास हो सकते हैं। लेकिन फिर कार्यकारी अध्यक्ष रविंद्र राय का क्या होगा? मरांडी चाहते हैं कि वे पद छोड़ें तो राय को पूर्णकालिक अध्यक्ष बना दिया जाए। इस बीच रघुबर दास को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष या महासचिव बना कर बिहार सहित एकाध और राज्यों का प्रभारी बनाने की बात भी हो रही है। बहरहाल, जो हो अभी पार्टी आलाकमान जल्दी में नहीं दिख रहा है झारखंड में चुनाव तो 2029 में ही होने हैं।