modi musk meeting : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका दौरे में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने से पहले वहां के अधिकारियों और कारोबारियों से मिले। वे सबसे पहले तुलसी गबार्ड से मिले, जो अमेरिका की सभी खुफिया एजेंसियों की प्रमुख बनाई गई हैं।
उसके बाद उनकी मुलाकात दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी एलन मस्क से हुई। प्रधानमंत्री वॉशिंगटन डीसी में व्हाइट हाउस के सामने की ऐतिहासिक इमारत ब्लेयर हाउस में ठहरे थे।
मस्क वहीं उनसे मिलने पहुंचे। इसके बाद प्रधानमंत्री की मुलाकात भारतीय मूल के अमेरिकी कारोबारी विवेक रामास्वामी से हुई। (modi musk meeting)
पहले मस्क और रामास्वामी एक साथ सरकार की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए बनाए गई डीओजीई में काम कर रहे थे। लेकिन अब दोनों अलग हो गए हैं और रामास्वामी ओहायो से सीनेटर का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।
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सोचें, कितना खराब ऑप्टिक्स बना? (modi musk meeting)
मस्क दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी हैं लेकिन ट्रंप सरकार में उनकी हैसियत एक मंत्री की है। इसी तरह रामास्वामी एक कारोबारी हैं। (modi musk meeting)
लेकिन प्रधानमंत्री मोदी दोनों से मिले तो भारत की ओर से पूरा प्रतिनिधिमंडल बैठा। मस्क के साथ मुलाकात में एक तरफ भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल दोनों बैठे।
दोनों का दर्जा भारत में मस्क से ऊपर है। उनके साथ कई और अधिकारी थे तो दूसरी ओर मस्क के साथ उनके तीन बच्चे और उनकी देखरेख करने वाली दो नैनी यानी आया मौजूद थे।
सोचें, कितना खराब ऑप्टिक्स बना? वैसे इससे पहले मस्क अपने बेटे को कंधे पर बैठा कर ट्रंप की मौजूदगी में ओवल हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुके थे। (modi musk meeting)
लेकिन वह अमेरिकियों का अपना मामला था। इसी तरह रामास्वामी भी मोदी से मिले तो मोदी के साथ पूरा प्रतिनिधिमंडल था, जबकि दूरी ओर रामास्वामी और उनके एक साथ पैर पर पैर चढ़ा कर ऐसे बैठे थे, जैसे किसी अनौपचारिक चाय पार्टी में बैठे हों। प्रधानमंत्री की टीम को इसका ध्यान रखना चाहिए था।