पिछले साल विपक्षी गठबंधन बनाने के लिए हो रही बैठकों में से एक बैठक में Lalu Prasad yadav ने सभी विपक्षी नेताओं की मौजूदगी में राहुल गांधी को दूल्हा बताया था। लालू ने यह संकेत दिया था कि राहुल गांधी नेता हैं और सबको उनके साथ चलना चाहिए। लेकिन अब लालू प्रसाद चाहते हैं कि विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व कांग्रेस से छीन कर ममता बनर्जी को दे दिया जाए। उन्होंने कहा है कि ममता बनर्जी को ‘इंडिया’ का नेतृत्व दे देना चाहिए और अगर कांग्रेस इसका विरोध करती है तो उसकी परवाह करने की जरुरत नहीं है। एक छोर से दूसरे छोर तक Lalu Prasad yadav की यह राजनीति असल में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पर दबाव बनाने की है ताकि कांग्रेस को कम सीटें दी जाएं।
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असल में पिछले विधानसभा चुनाव में राजद ने कांग्रेस के लिए 70 सीटें छोड़ी थीं, जिनमें से कांग्रेस सिर्फ 19 जीत पाई। राजद को 78 सीटें मिली थीं और कहा गया था कि अगर राजद और ज्यादा सीटों पर लड़ी होती महागठबंधन की सरकार बन जाती। तभी राजद के नेता चाहते हैं कि इस बार कांग्रेस को कम सीट दी जाए। वे झारखंड की भी मिसाल दे रहे हैं, जहां कांग्रेस 30 लड़ कर 16 जीती तो राजद छह सीटों पर लड़ कर चार जीत गई। दूसरी ओर कांग्रेस के नेता लोकसभा चुनाव की मिसाल दे रहे हैं कि राजद 26 सीटों पर लड़ कर सिर्फ चार जीती, जबकि कांग्रेस नौ सीटों पर लड़ कर तीन जीत गई। सो, दोनों तरफ से शह मात का खेल चल रहा है। राजद नेता दबाव बना रहे हैं तो कांग्रेस नेता भी अगले विधानसभा चुनाव में अकेले लड़ने की बातें करने लगे हैं।