पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के नेता और उनके पाले हुए गुंडे बेकाबू हो रहे हैं, जिससे भारतीय जनता पार्टी को राजनीति करने का मौका मिल रहा है। संदेशखाली में शेख शाहजहां की कथित गुंडागर्दी का मामला अभी ताजा था कि उत्तरी दिनाजपुर के दीघलगांव की नई घटना सामने आ गई है, जिसमें ताजेमुल हक नाम का तृणमूल कांग्रेस का एक नेता एक पुरुष और महिला की बेरहमी से पिटाई कर रहा है। यह वीडियो सामने आने के बाद कम्युनिस्ट पार्टी नेता और पूर्व सांसद मोहम्मद सलीम ने एक और वीडियो साझा किय, जिसमें एक व्यक्ति की बेरहमी से पिटाई हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में तृणमूल का गुंडाराज चल रहा है।
भाजपा के नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने दो वीडियो साझा किए, जिसमें उन्होंने कहा कि तृणमूल का ताजेमुल हक, जिसको लोग उसके इलाके में जेसीबी कहते हैं वह जज, ज्यूरी और जल्लाद तीनों बन कर लोगों को सजा दे रहा है। पश्चिम बंगाल में इस तरह के कंगारू कोर्ट लगाने और तत्काल न्याय करने की कई वीडियो अचानक साझा होने लगी है। लगभग हर वीडियो में तृणमूल कांग्रेस के नेता या कार्यकर्ता लोगों की पिटाई कर रहे हैं और पिटाई करने वाला मुस्लिम है। हालांकि पुलिस ने शेख शाहजहां वाले मामले से सबक लेकर ताजेमुल को तत्काल गिरफ्तार कर लिया और उसके खिलाफ कई कठोर धाराएं लगाई गई हैं। इसके बावजूद इस मसले पर राजनीति शुरू तेज हो गई है। राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने पीड़ितों से मुलाकात का फैसला किया और भाजपा को तृणमूल कांग्रेस को मुस्लिमपरस्त ठहराने का मौका मिला।
ममता बनर्जी और कह सकते हैं कि पूरे विपक्षी गठबंधन के लिए सबसे डैमेजिंग यह है कि तृणमूल कांग्रेस के एक विधायक ने ताजेमुल हक की गतिविधियों का बचाव किया। उत्तरी दिनाजपुर की चोपड़ा सीट से तृणमूल के विधायक हमीदुल रहमान ने बेहद विवादित बयान दिया और कहा- हमारे मुस्लिम राष्ट्र के कुछ नियम हैं। महिला के साथ इन नियमों के मुताबिक बरताव किया गया। उन्होंने कहा कि वह महिला अवैध संबंध में थी। उसका कैरेक्टर ठीक नहीं था और वह समाज को खराब कर रही थी।
ममता के विधायक ने मुस्लिम राष्ट्र की बात करके भाजपा के इस आरोप को स्थापित कर दिया है कि पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में शरिया कानून के हिसाब से समाज में काम हो रहा है। ध्यान रहे ममता पर पहले से मुस्लिमपरस्ती का आरोप लगता रहा है और अब एक के बाद एक ऐसे वीडियो सामने आए हैं, जिसमें शरिया कानूनों के हिसाब से न्याय करने की बात हो रही है। ममता के विधायक ने खुद यह बात सार्वजनिक रूप से कही है। तभी भाजपा के तमाम बड़े नेताओं ने ममता को निशाना बनाया और व्यापक हिंदू समाज को मैसेज दिया कि ममता बनर्जी राज्य में शरिया कानून लागू कर रही हैं। अपने तो हो सकता है कि ममता इस राजनीति से चुनाव जीतती रहें लेकिन देश के बाकी हिस्सों में इसकी नजीर बना कर भाजपा को ध्रुवीकरण की राजनीति करने का मौका मिलता है।