पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अभी कांग्रेस से तालमेल के लिए तैयार नहीं हैं। वे सिर्फ दो सीटें देने की बात कर रही हैं, जिसके लिए कांग्रेस तैयार नहीं है। कांग्रेस का कहना है कि पिछली बार जब भाजपा और तृणमूल कांग्रेस का आमने-सामने का चुनाव हो रहा था तब भी कांग्रेस ने दो सीटें जीत ली थीं। इसलिए दो सीटें तो वह किसी समय जीत सकती है। गौरतलब है कि पिछले चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को 22 और भाजपा को 18 सीटें मिली थीं। कांग्रेस ने मुर्शिदाबाद जिले की बहरामपुर सीट और माल्दा की एक सीट जीती थी। अधीर रंजन चौधरी और अबू हाशिम खां चौधरी दो सांसद हैं। कांग्रेस कम से कम छह सीटों की मांग कर रही है। लेकिन बताया जा रहा है कि कांग्रेस की मांग से ज्यादा ममता को अधीर रंजन से समस्या है।
जानकार सूत्रों के मुताबिक ममता बनर्जी पिछले दिनों मुर्शिदाबाद के दौरे पर गई थीं तो बंद कमरे में उन्होंने पार्टी नेताओं के साथ बैठक की और कहा कि किसी तरह से बहरामपुर सीट पर अधीर रंजन चौधरी को हराना है। गौरतलब है कि बहरामपुर को अधीर रंजन का गढ़ माना जाता है। पूरे मुर्शिदाबाद जिले में वे सबसे ताकतवर नेता माने जाते हैं। दूसरे, उनका ममता बनर्जी के साथ पुराना विवाद है। तभी ममता किसी तरह से उनको हराने की कोशिश में हैं। उन्होंने पहले कई बार कांग्रेस आलाकमान से अधीर को किनारे करने के लिए कहा है। लेकिन कांग्रेस ने पहले उनको लोकसभा में नेता बनाया और बाद में पश्चिम बंगाल का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया। तभी यह भी माना जा रहा है कि अधीर रंजन के रहते कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस में तालमेल नहीं हो सकता है।