यह बहुत हैरान करने वाली बात है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पश्चिम बंगाल के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी पर तीखा हमला किया। उन्होंने यहां तक कहा कि गठबंधन के बारे में फैसला करने में अधीर रंजन की कोई हैसियत नहीं है। खड़गे ने मुंबई में कहा कि गठबंधन में कौन रहेगा और कौन जाएगा इसका फैसला पार्टी आलाकमान करेगा। हैरान करने वाली बात यह है कि खुद ममता बनर्जी ने कहा था कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का तालमेल अधीर रंजन चौधरी की वजह से नहीं हो पाया। यानी कम से कम बंगाल और ममता बनर्जी के मामले में पार्टी के फैसले में अधीर रंजन की हैसियत है। अगर हैसियत नहीं होती तो वे कई बरस से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता नहीं बने रहते।
बहरहाल, ममता बनर्जी ने पिछले दिनों कहा कि वे ‘इंडिया’ ब्लॉक की सरकार बनी तो उसे बाहर से समर्थन देंगी। बाद में उन्होंने कहा कि वे अखिल भारतीय स्तर पर विपक्षी गठबंधन का हिस्सा हैं। इस पर अधीर रंजन ने कहा कि उनको ममता पर भरोसा नहीं है वे विपक्ष की बजाय भाजपा के साथ भी जा सकती हैं। इस पर खड़गे भड़क गए। सवाल है कि क्या खड़गे चाहते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी जीतें? ध्यान रहे बंगाल में कांग्रेस सिर्फ 12 सीटों पर लड़ रही है और अधीर रंजन ने मजबूती से चुनाव लड़ा। उनके ममता पर हमला करने से मुस्लिम वोट कांग्रेस और लेफ्ट की ओर गया। अब कांग्रेस को लग रहा है कि अगर अधीर रंजन ज्यादा हमला करेंगे तो मुस्लिम वोट बिखर सकता है, जिसका फायदा भाजपा को होगा। तभी खड़गे ने अधीर को चुप करा कर यह सुनिश्चित किया कि मुस्लिम वोट ममता की ओर जाए।