पश्चिम बंगाल में ऐसा लग रहा है कि राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने भाजपा, कांग्रेस और लेफ्ट यानी समूचे विपक्ष से आगे आगे चलने का फैसला किया है। वे राज्य के साझा विपक्ष से बड़ा विपक्ष खुद बनना चाहते हैं। तभी उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लेकर ऐसी बात कही है, जिसका कोई सिर पैर नहीं है या जिसे राजनीतिक व सामाजिक दोनों नजरिए से सही नहीं कहा जा सकता है। उन्होंने कहा है कि वे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का सामाजिक बहिष्कार करेंगे। इसका क्या मतलब है? क्या वे मुख्यमंत्री से नहीं मिलेंगे? किसी राजनीतिक या सामाजिक कार्यक्रम में अगर मुख्यमंत्री शामिल हो रही होंगी तो वे उस कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बनेंगे? विपक्षी नेता ऐसी बात नहीं कर रहे हैं। वे मुख्यमंत्री का बहिष्कार नहीं कर रहे हैं।
और सबसे बड़ा सवाल यह है कि ऐसा वे क्यों करेंगे? क्या ममता बनर्जी ने इंसानियत को शर्मसार करने वाला कोई भयंकर अपराध कर दिया है? हकीकत यह है कि ममता ने ऐसा कुछ नहीं किया है। यह सही है कि उनके शासन में एक जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की जघन्य घटना हुई है। लेकिन घटना का मुख्य आरोपी गिरफ्तार हो गया है और मामले की जांच अब सीबीआई कर रही है। राज्य के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं, जिनसे मिलने के लिए दो दिन सचिवालय में ममता बनर्जी बैठी रहीं लेकिन डॉक्टर मुलाकात के लाइव प्रसारण पर अड़े रहे है, जिसकी अनुमति सरकार ने नहीं दी। क्या यह ऐसा अपराध है, जिसके लिए राज्यपाल मुख्यमंत्री का सामाजिक बहिष्कार करेंगे? ध्यान रहे राज्यपाल के ऊपर दो अलग अलग महिलाओं ने यौन शोषण का आरोप लगाया है।