कांग्रेस पार्टी ने पश्चिम बंगाल में प्रदेश अध्यक्ष बदल दिया है। अधीर रंजन चौधरी की जगह शुभंकर सरकार को कांग्रेस ने नया अध्यक्ष बनाया है। लोकसभा चुनाव हारने के साथ ही अधीर रंजन चौधरी का नेता प्रतिपक्ष का पद समाप्त हो गया था और अब वे अध्यक्ष पद से भी हटा दिए गए हैं। इसके बावजूद उनके बागी तेवर कायम रहेंगे। उन्होंने कह दिया है कि ममता बनर्जी की सरकार के खिलाफ उनका अभियान जारी रहेगा। यह बात उन्होंने इसके बावजूद कही है कि राज्य के नए प्रदेश अध्यक्ष शुभंकर सरकार ने ममता बनर्जी की सरकार की तरह दोस्ती का हाथ बढ़ाया है और बेहतर तालमेल की पहल की है।
यह सबको पता है कि अधीर रंजन और ममता बनर्जी की राजनीतिक दुश्मनी दशकों पुरानी है। जब दोनों यूथ कांग्रेस में थे तब से एक दूसरे को पसंद नहीं करते हैं। ममता के यूपीए के साथ रहते भी अधीर रंजन से उनकी कभी नहीं बनी। इस बार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से तालमेल नहीं करने के लिए उन्होंने अधीर रंजन के बयानों को ही आधार बनाया। अब कांग्रेस आलाकमान ने एक तरह से ममता बनर्जी के आगे समर्पण कर दिया है और एक ऐसे व्यक्ति को अध्यक्ष बनाया है, जिसकी राजनीति लड़ने भिड़ने वाली नहीं है। ऐसे में क्या अधीर रंजन कांग्रेस के साथ बने रहेंगे? यह बड़ा सवाल है। वे कांग्रेस छोड़ भी सकते है। पिछले कुछ समय से उनके भाजपा के संपर्क में होने की खबरें भी आती रही हैं।