अभी तो अमेरिकी में अवैध रूप से घुसने का प्रयास करने वालों में काफी अंतर से मेक्सिको के ही लोग आगे हैं लेकिन जिस तेजी से भारतीय लोग उनको टक्कर दे रहे हैं उससे लग रहा है कि भारतीय नागरिक अमेरिका के पड़ोसी मेक्सिको को पीछे छोड़ देंगे। सोचें, अमेरिका से 17 हजार किलोमीटर दूर स्थित भारत, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अमृत काल चल रहा है वहां से नागरिक अमेरिका में घुसने के लिए जान और धन की बाजी लगा रहे हैं और वहां से अपमानित करके भगाए जा रहे हैं! यह एक आम भारतीय के लिए तो शर्म की बात होनी ही चाहिए लेकिन सबसे ज्यादा शर्म की बात तो सरकार के लिए होनी चाहिए, जिसका दावा है कि देश में 70 साल में जितना विकास हुआ उससे ज्यादा 10 साल में कर दिया, फिर भी यह स्थिति है कि भारतीय लोग भाग कर अमेरिका और कनाडा में बसना चाहते हैं।
इससे भी ज्यादा शर्म की बात है कि अमेरिका में अवैध रूप से घुसने की कोशिश करने में पकड़े जा रहे भारतीयों में आधी संख्या प्रधानमंत्री के अपने राज्य के गुजरात के लोगों की है। एक आंकड़ा है कि हर घंटे 10 भारतीय अवैध रूप से अमेरिका में घुसने का प्रयास करते हुए पकड़े जा रहे हैं, जिनमें पांच गुजराती होते हैं। पिछले दिनों एक खबर आई थी कि कनाडा के रास्ते अमेरिका में घुसने के प्रयास में एक गुजराती परिवार के चार सदस्य ठंड से ठिठुर कर मर गए थे। बहरहाल, यह भी खबर है कि कनाडा में हिंदी और पंजाबी के बाद तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा गुजराती हो गई है। पहले लोग कनाडा पहुंच रहे हैं और वहां से अमेरिका में घुसने का प्रयास किया जा रहा है। इस साल अमेरिका ने 11 सौ भारतीयों को अपने देश से निकाल कर वापस भेजा है। अभी 22 अक्टूबर को भी एक जहाज पंजाब पहुंचा है, जिसमें अमेरिका से निकाले गए भारतीय थे।