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महाराष्ट्र में तीसरे मोर्चे का गठन

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महाराष्ट्र में नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में सीधा मुकाबले दो गठबंधनों के बीच होगा। एक तरफ सरकार चला रही महायुति है तो दूसरी ओर विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी है। महायुति में भाजपा, शिव सेना और एनसीपी के बीच सीट बंटवारे की बात चल रही है तो दूसरी ओर महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस, उद्धव ठाकरे और शरद पवार भी सीट बंटवारे पर मंथन कर रहे हैं। दोनों तरफ सीएम उम्मीदवार तय करने को लेकर भी खींचतान चल रही है। इस बीच एक तीसरा गठबंधन तैयार हो रहा है। राज्य में तीन बड़े नेता, जो अलग अलग सामाजिक समूहों का नेतृत्व करते हैं और अपनी स्वतंत्र राजनीति के लिए जाने जाते हैं उन्होंने हाथ मिला लिया है। हालांकि यह नहीं कहा जा सकता है कि वे किसका वोट काटेंगे लेकिन इस तीसरे गठबंधन को लेकर दोनों पक्ष आशंकित हैं।

दो पूर्व सांसदों संभाजी छत्रपति और राजू शेट्टी के साथ निर्दलीय विधायक बच्चू काडू ने मिल कर परिवर्तन महाशक्ति का गठन किया है। संभाजी छत्रपति को भाजपा ने सांसद बनाया था और वे छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज हैं। सो, जाहिर हैं कि वे मराठा वोट की राजनीति करते हैं। राजू शेट्टी स्वाभिमानी शेतकरी संगठन चलाते हैं और स्वाभिमानी पक्ष नाम से पार्टी बना रखी है। नाम से ही जाहिर है कि वे किसान राजनीति करते हैं। तीसरे नेता बच्चू काडू हैं, जो दलित समाज से आते हैं। सो, मराठा, किसान और दलित नेताओं का एक संगठन बन कर तैयार हो गया है। प्रकाश अंबेडकर की पार्टी भी है, जो चुनाव में किस्मत आजमाएगी। इस गठबंधन के साथ उसके तालमेल की बात होती है या नहीं यह देखने वाली बात होगी। लेकिन तीन बड़े नेताओं और अलग अलग समूहों का प्रतिनिधित्व करने वाले नेताओं की पार्टी कई सीटों पर दोनों बड़े गठबंधनों के लिए मुश्किल पैदा कर सकती है।

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