केरल में डेढ़ साल बाद विधानसभा का चुनाव होना है और लोकसभा चुनाव में लेफ्ट मोर्चे के लगातार दूसरी बार बुरी तरह से हारने के बाद सभी वामपंथी पार्टियों के अंदर जो विवाद शुरू हुआ है वह खत्म नहीं हो रहा है। पहले सीपीआई के नेताओं ने विवाद शुरू किया। फिर एलडीएफ सरकार को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायकों ने विवाद किया और अब सीपीएम के अपने नेता और केंद्रीय समिति के सदस्य ईपी जयराजन ने विवाद खड़ा कर दिया है। हालांकि उन्होंने विवाद समाप्त करने का भी प्रयास किया है लेकिन ऐसा लग रहा है कि उन्होंने पलक्कड विधानसभा सीट पर पार्टी का नुकसान कर दिया है।
असल में चुनाव आयोग ने केरल की वायनाड लोकसभा सीट का उपचुनाव तो करा लिया लेकिन पलक्कड विधानसभा का उपचुनाव टाल दिया, जो 20 नवंबर को होगा। वहां से सीपीएम ने पी सरीन को उम्मीदवार बनाया है, जो कांग्रेस छोड़ कर कुछ दिन पहले ही भाजपा में शामिल हुए थे। जयराजन ने अपनी आत्मकथा लिखी है, जिसका प्रकाशन जल्दी ही होने वाला है। प्रकाशन से पहले उस किताब का एक अंश सार्वजनिक हो गया, जिसके बाद किताब का प्रकाशन रोक दिया गया। उसमें उन्होंने पी सरीन के कांग्रेस छोड़ कर सीपीएम में शामिल होने का जिक्र करते हुए दलबदल और विचारधारा खत्म होने का मुद्दा उठाया है। हालांकि बाद में वे सरीन के प्रचार के लिए गए लेकिन उससे पहले ही पार्टी और सरीन दोनों का नुकसान कर दिया था।