डीएमके नेता सनातन को लेकर, हिंदू धर्म और राममंदिर को लेकर, हिंदी को लेकर या देश को लेकर जिस तरह के बयान दे रहे हैं उससे अपने आप तमिलनाडु में भाजपा के लिए आधार तैयार हो रहा है। हालांकि यह संभव नहीं है कि इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा इसका कोई फायदा उठा ले लेकिन अगले कुछ वर्षों में भाजपा वहां मजबूत हो सकती है। सत्तारूढ़ डीएमके नेताओं के बयानों का भाजपा इस्तेमाल कर रही है। Tamilnadu politics BJP
भाजपा ने पूर्व आईपीएस अधिकारी के अन्नामलाई को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है, जो अपने बैकग्राउंड और आधुनिक तकनीक से लेकर विज्ञान और धर्म की जानकारी का इस्तेमाल करके युवाओं को साथ में जोड़ने का काम कर रहे हैं। वे पिछले एक सौ साल से तमिलनाडु में स्थापित हुई सनातन विरोध की परंपरा पर सवाल उठा रहे हैं और इसके साथ ही सामाजिक सुधार के नाम पर आई जड़ता को भी तोड़ने की बात कर रहे हैं।
इनके बीच डीएमके नेताओं के बयानों से उनको मौका मिल रहा है। पहले उदयनिधि स्टालिन और ए राजा ने सनातन को बीमारी बता कर इसको खत्म करने का आह्वान किया। उसके बाद ए राजा ने भारत को देश मानने की बजाय एक उप महाद्वीप करार दिया और उन्होंने भगवान राम को लेकर भी सवाल उठाए। ए राजा के बयान का तो कांग्रेस ने भी विरोध किया है लेकिन भाजपा ने इसे देश तोड़ने वाला बता कर डीएमके का विरोध किया।
असल में तमिलनाडु में भाजपा अब तक किसी न किसी सहयोगी पार्टी पर निर्भर रही है। इस वजह से उसे हमेशा डीएमके या अन्नाडीएमके की ओर से तय एजेंडे पर काम करना होता था। पहली बार वह स्वतंत्र रूप से राजनीति कर रही है। इसलिए उसको अपना एजेंडा इनफोर्स करने का मौका मिला है। तभी वह खुल कर धर्म, समाज, राष्ट्र का अपना एजेंडा उठा रही है। समाज के एक वर्ग को वह एजेंडा अपील कर रहा है। वे जिज्ञासावश भी भाजपा के एजेंडे में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। इससे भाजपा को उम्मीद है कि इस बार उसके वोट आधार में बड़ी बढ़ोतरी हो सकती है। Tamilnadu politics BJP
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