भारतीय जनता पार्टी तमिलनाडु को लेकर चिंता में है। उसकी सहयोगी अन्ना डीएमके ने तालमेल तोड़ लिया और ऐलान किया है कि चुनाव के बाद इस बारे में फिर विचार किया जाएगा। यानी अन्ना डीएमके अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। पार्टी के प्रमुख ई पलानीस्वामी ने पार्टी के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि अन्ना डीएमके के दो करोड़ कार्यकर्ताओं की राय पर यह फैसला किया गया। यानी पार्टी अपनी राय पर कायम है कि वह भाजपा से तालमेल नहीं करेगी। दूसरी ओर भाजपा में एक खेमा ऐसा है, जो मान रहा है कि अकेले लड़ने से अपना वोट बैंक बचेगा और कुछ नया वोट जुड़ सकता है। लेकिन ज्यादातर नेता लोकसभा चुनाव में कोई जोखिम नहीं लेना चाहते हैं। उनको लगता है कि अगले चुनाव में राज्य में खाता खुल सकता है।
तभी आगे की रणनीति पर विचार के लिए प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई दिल्ली आए। हालांकि उनको पार्टी के बड़े नेताओं से मिलने के लिए इंतजार करना पड़ा क्योंकि यह माना जा रहा है उनके बयानों की वजह से तालमेल खत्म हुआ है। यहां तक चर्चा है कि उनको हटा कर महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वनाथी श्रीनिवासन को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए। भाजपा में एक विचार यह भी है कि अन्ना डीएमके के दूसरे खेमे यानी ओ पनीरसेलवम से बात कर उनके साथ तालमेल किया जाए। राज्य की कुछ अन्य छोटी पार्टियों के साथ तालमेल करके भी चुनाव लड़ने के आइडिया पर भाजपा विचार कर रही है। लेकिन सबसे मुख्य विचार अब भी यही है कि पार्टी वापस ई पलानीस्वामी के साथ बात करे और अन्ना डीएमके को तालमेल के लिए तैयार करे। असल में भाजपा के केंद्रीय नेता कोई गलत कदम नहीं उठाना चाहते हैं।