तमिलनाडु के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के अन्नामलाई को क्या पार्टी आलाकमान की ओर से हरी झंडी मिल गई है कि अब तालमेल नहीं करना है और भाजपा अकेले राजनीति करेगी? ध्यान रहे कुछ दिन पहले खबर आई थी कि भाजपा के नेता अन्ना डीएमके से संबंध सुधार की कोशिश कर रहे हैं और ई पलानीस्वामी को मनाने की कोशिश चल रही है। तभी यह भी खबर थी कि अन्नामलाई दिल्ली में बैठे हैं और पार्टी के आला नेता उनसे मिल नहीं रहे हैं। कहा जा रहा था कि अन्नामलाई को हटा कर महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष और तमिलनाडु की विधायक वनाथी श्रीनिवासन को तमिलनाडु का अध्यक्ष बनाया जाएगा। लेकिन अब अचानक इस तरह की सारी चर्चाएं थम गई हैं।
उलटे प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई ने दावा किया है कि अगले विधानसभा चुनाव में अन्नाडीएमके साफ होगी और मुख्य मुकाबला डीएमके और भाजपा के बीच होगा। यह बहुत दूर की कौड़ी है लेकिन अन्नामलाई तर्क दे रहे हैं कि भाजपा को स्थानीय निकाय चुनाव में बहुत फायदा हुआ था और वह तीसरी सबसे बड़ी ताकत बन कर उभरी थी और ऐसा इसलिए हुआ था क्योंकि वह अकेले लड़ी थी। इस आधार पर वे भाजपा के अकेले लड़ने का प्रचार कर रहे हैं। तभी सवाल है कि वे अपनी निजी राजनीति के तहत इस तरह के बयान दे रहे हैं या पार्टी ने उनको कहा है अकेले चुनाव की तैयारी करने को? ध्यान रहे अन्नामलाई के अलावा प्रदेश भाजपा के ज्यादातर नेता फिर से अन्नाडीएमके से तालमेल के समर्थक हैं।