सुप्रीम कोर्ट में गर्मियों की छुट्टी का अब नाम बदल दिया गया है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के रिटायर होने से ठीक पहले यह बदलाव किया गया। अब सुप्रीम कोर्ट में गर्मियों की छुट्टियों को आंशिक ‘न्यायालय कार्य दिवस’ कहा जाएगा। सोचें, इससे क्या हो जाएगा? असल में पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया में इस बात को लेकर बड़ी चर्चा हो रही है कि उच्च अदालतों में लंबित मामलों की संख्या बढ़ रही है और जज छुट्टी मनाते रहते हैं। ग्रीष्मकालीन अवकाश हो या शीतकालीन अवकाश या दशहरे की छुट्टियां हों, इन मौकों पर सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट्स की खूब आलोचना होती है।
तभी इसके साथ साथ पिछले कुछ दिनों से यह भी देखने को मिल रहा है कि माननीय न्यायमूर्ति लोग बताते हैं कि वे कितना काम करते हैं। कई बार तो चीफ जस्टिस रहते डीवाई चंद्रचूड़ ने भी बताया कि जजों को छुट्टियों में भी काम करना होता है। उन्हें लंबे लंबे फैसले लिखने होते हैं, जो कोर्ट के टाइम में नहीं होता है और केस की फाइलें भी पढ़नी पड़ती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अमेरिका में सुप्रीम कोर्ट में साल में 72 मामलों ही सुने जाते हैं, जबकि भारत में सुप्रीम कोर्ट हर साल हजारों मुकदमे सुनता है। अपने कार्यकाल के आखिरी दिन तो उन्होंने खुद ही 45 मामले सुने। बहरहाल, छुट्टियों के लिए होने वाली आलोचना से निपटने के लिए गर्मी की लंबी छुट्टियों का नाम बदल दिया गया है।