ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा ने एक और बहुत अद्भुत बात कही है। अपने बयानों से कांग्रेस को मुश्किल में डालने और देश के लोगों का मनोरंजन करने के लिए विख्यात पित्रोदा ने कहा है कि राहुल गांधी अपने पिता राजीव गांधी से ज्यादा समझदार हैं। इसमें पता नहीं क्या सफाई आएगी। वैसे पहले कई बार यह सफाई दी जा चुकी है कि पित्रोदा की हिंदी अच्छी नहीं है इसलिए उनकी बातों का गलत अर्थ निकाल लिया जाता है। लेकिन सवाल है कि इसमें क्या अर्थ निकलेगा? उन्होंने कहा कि राहुल गांधी अपने पिता से ज्यादा समझदार हैं। सो, अब सवाल है कि कितना ज्यादा समझदार हैं? थोड़ा या बहुत ज्यादा और जितनी भी समझदारी ज्यादा है वह किस क्षेत्र में या किस मामले में है? यह सवाल इसलिए है क्योंकि कांग्रेस के नेता इस देश के तमाम प्रधानमंत्रियों में नेहरू के बाद सबसे ज्यादा विजनरी राजीव गांधी को ही मानते रहे हैं।
राजीव गांधी सभी प्रधानमंत्री से ज्यादा विजनरी इसलिए थे क्योंकि वे संचार क्रांति लेकर आए। उन्होंने त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था का कानून बनवाया। युवाओं के वोट डालने की उम्र कम कराई। नवोदय जैसे संस्थान बना कर शुरुआती शिक्षा को बेहतर बनाया। उन्होंने गलतियां भी कीं लेकिन बहुत शानदार काम भी किए। अब सैम पित्रोदा कह रहे हैं कि राहुल गांधी उनसे ज्यादा समझदार हैं। असल में राहुल गांधी को महान बनाने के एक नैरेटिव के तहत उन्होंने यह बात कही है। कांग्रेस का एक पूरा इकोसिस्टम यह साबित करने में जुटा है कि राहुल जैसा कोई नहीं है। लेकिन नरेंद्र मोदी के मुकाबले राहुल को खड़ा करते करते कांग्रेस के नेता इतने जज्बाती हो गए हैं कि वे राहुल को उनके पूर्वजों से भी महान बताने लगे हैं। हो सकता है कि कुछ दिन में कहा जाए कि वे इंदिरा गांधी से ज्यादा साहसी और पंडित नेहरू से ज्यादा विजनरी हैं। लेकिन सवाल है कि सैम पित्रोदा का दिया यह सर्टिफिकेट लेकर राहुल क्या करेंगे? क्या इस सर्टिफिकेट से उनको कुछ अतिरिक्त वोट हासिल हो पाएगा?