दिल्ली के सेवा बिल पर सोमवार को हुई चर्चा के दौरान राज्यसभा में एक अजीब वाकया हुआ, जिसे लेकर बिल पर वोटिंग से पहले काफी विवाद हुआ। अंत में आसन पर मौजूद उप सभापति हरिवंश नारायण ने इसकी जांच कराने की बात कही। असल में आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा ने प्रस्ताव दिया कि इस बिल को प्रवर समिति को भेजा जाए। उन्होंने प्रवर समिति में शामिल होने वाले सांसदों के नाम की सूची भी दी। उप सभापति ने उनका यह प्रस्ताव पढ़ा और उसके बाद सांसदों के नाम बताए। बताया जा रहा है कि पांच सांसद इस बात से नाराज हैं कि उनका नाम बिना सहमति के इसमें शामिल किया गया।
तीन सांसदों ने तो सदन में खड़े होकर आपत्ति की और कहा कि इस सूची में उनका नाम बिना सहमति के रखा गया है। अन्ना डीएमके नेता थंबीदुरैई, बीजू जनता दल के सस्मित पात्रा और भाजपा की एस फान्गनोन कोनियाक ने इस पर आपत्ति जताई। जब यह विवाद हुआ तो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने खड़े होकर कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए। इस दौरान उन्होंने आम आदमी पार्टी पर तंज करते हुए कहा कि हम लोग जानते थे कि दिल्ली सरकार में फर्जीवाड़ा हो रहा है लेकिन यहां तो संसद में ही फर्जीवाड़ा हो गया। इसके बाद उप सभापति ने इस मामले की जांच कराने का भरोसा दिया। इस पूरे विवाद का निशाना राघव चड्ढा बने, जो इस बिल को लेकर विपक्ष की ओर से सबसे ज्यादा सक्रिय थे। संजय सिंह के निलंबित हो जाने की वजह से उनको यह मौका मिला था। लेकिन इस विवाद से उनको नुकसान होगा।