पिछले साल राज्यसभा के दोवार्षिक चुनाव में कांग्रेस आलाकमान ने पार्टी के वरिष्ठ नेता अजय माकन को हरियाणा से उम्मीदवार बनाया था। दो सीटों के चुनाव थे, जिसमें भाजपा और कांग्रेस दोनों को एक एक सीट मिलने की पूरी संभावना थी। लेकिन पूर्व कांग्रेसी नेता विनोद शर्मा ने अपने बेटे कार्तिकेय शर्मा को निर्दलीय उम्मीदवार बना दिया और भाजपा ने उनका समर्थन कर दिया। कांग्रेस के विधायकों को तोड़ फोड़ से बचाने के लिए उनको रायपुर के रिसॉर्ट में ले जाकर रख गया। सारे विधायक चुनाव के दिन ही चंडीगढ़ लाए गए। फिर भी अजय माकन एक वोट से हार गए। माना जाता है कि वह एक वोट कांग्रेस की विधायक किरण चौधरी का था। पिछले दिनों किरण चौधरी भाजपा में शामिल हो गई हैं।
जानकार सूत्रों का कहना है कि भाजपा की ओर से उनको राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया जा सकता है। गौरतलब है कि दीपेंद्र हुड्डा के लोकसभा का चुनाव जीत जाने से उनकी राज्यसभा सीट खाली हुई है। उस पर उपचुनाव होना है। अगर भाजपा किरण चौधरी को उम्मीदवार बनाती है तो कांग्रेस और खास कर भूपेंद्र सिंह हुड्डा कोई बड़ा दांव चल सकते हैं। अभी सत्तापक्ष के मुकाबले एक वोट विपक्ष के पास ज्यादा है। सरकार से समर्थन वापस लेने वाले दुष्यंत चौटाला राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस का साथ देने को तैयार हैं। तीन निर्दलीय विधायक भी कांग्रेस के साथ हैं। सो, कांग्रेस और उसके समर्थकों की संख्या 44 है, जबकि भाजपा के पास 43 विधायक हैं। तीन सीटें खाली हैं। किरण चौधरी के लड़ने पर हुड्डा भी किसी ऐसे निर्दलीय को आगे कर सकते हैं, जो अतिरिक्त वोट का जुगाड़ कर सके या विपक्ष के सारे वोट संभाल सके।