केंद्र सरकार की सिफारिश पर राष्ट्रपति राज्यसभा में 12 सदस्यों को मनोनीत करती हैं। इनमें से चार सदस्यों का कार्यकाल 13 जुलाई को खत्म हो रहा है। मशहूर नृत्यंगना सोनल मानसिंह, जाने माने मूर्तिकार रामशकल, जाने माने वकील महेश जेठमलानी और आरएसएस के संस्थापक केबी हेडगेवार के जीवनीकार व दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राकेश सिन्हा रिटायर हो रहे हैं। राज्यसभा के लिए चुने गए सांसदों की सीट खाली होने पर जिस तरह चुनाव आयोग को एक निश्चित समय सीमा में रिक्ति भरनी होती है वैसी जरुरत मनोनीत श्रेणी के सांसदों के मामले में नहीं होती है। इसलिए कई बार मनोनीत श्रेणी की सीटें खाली होने के बाद उन्हें तुरंत नहीं भरा जाता है।
सवाल है कि क्या सरकार इन चार सीटों पर तत्काल नए सदस्यों को मनोनीत कराएगी या इंतजार किया जाएगा? जानकार सूत्रों का कहना है कि सितंबर और अक्टूबर में चार राज्यों के विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसलिए सरकार इंतजार नहीं करेगी। जल्दी से जल्दी नए सदस्य मनोनीत किए जाएंगे। ध्यान रहे राज्यसभा की 12 सीटों पर उपचुनाव भी होने वाले हैं। उन्हीं के साथ इन चार सीटों को भी जोड़ कर देखा जा रहा है। भाजपा जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड को ध्यान में रखते हुए चुनावों में उम्मीदवार देगी और उसी हिसाब से मनोनयन भी होगा। गौरतलब है कि भाजपा सरकार ने कश्मीर घाटी के गूजर समुदाय से एक व्यक्ति को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। उनका कार्यकाल अभी बचा हुआ है। बाकी तीन राज्यों के सामाजिक कार्यकर्ताओं, कलाकारों, फिल्म अभिनेताओं आदि को उम्मीद है कि इस बार राज्यसभा का मनोनयन मिल सकता है।