चुनाव आयोग ने राज्यसभा की 10 सीटों पर दोवार्षिक चुनाव की घोषणा कर दी है। इसके साथ ही यह कयास लगाया जाने लगा है कि कौन कौन वापस लौटेगा। तीन राज्यों में इन 10 सीटों के चुनाव होंगे। एक सीट गोवा की है, जो भाजपा को जाएगी। गुजरात की तीन सीटें हैं और वह भी भाजपा के खाते में जाएगी। रिटायर हो रहे तीनों सांसद भी भाजपा के ही हैं। इनमें एक सांसद विदेश मंत्री एस जयशंकर हैं। उनका फिर से राज्यसभा में जाना तय है। हालांकि कुछ दिन पहले चर्चा हो रही थी कि वे दिल्ली की किसी सीट से चुनाव लड़ सकते हैं लेकिन लोकसभा का चुनाव अगले साल अप्रैल-मई में है। इसलिए मंत्री बने रहने के लिए जरूरी है कि वे सांसद रहें। सो, वे निश्चित रूप से राज्यसभा में जाएंगे। बाकी जुगल सिंह माथुर और दिनेशचंद्र अनावादिया की वापसी मुश्किल है। बताया जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपानी और उनकी सरकार में उप मुख्यमंत्री रहे नितिन पटेल को मौका मिल सकता है।
बाकी छह सीटें पश्चिम बंगाल की हैं। इन छह में से पांच सीटें तृणमूल कांग्रेस के खाते में है और एक सीट कांग्रेस की है। कांग्रेस प्रदीप भट्टाचार्य की सीट गंवाने जा रही है क्योंकि राज्य की विधानसभा में उसका एक भी विधायक नहीं है। यह सीट भाजपा के खाते में चली जाएगी, जिसके 75 विधायक हैं। तृणमूल कांग्रेस को अपनी पांचों सीटें वापस मिल जाएंगी। उसके रिटायर हो रहे सांसदों में सबसे अहम नाम डेरेक ओ ब्रायन का है। वे लगातार दो बार राज्यसभा सांसद रहे हैं। दिल्ली में वे पार्टी का चेहरा हैं इसलिए उम्मीद की जा रही है कि उनको तीसरा मौका मिल सकता है। वे अखबारों में अखबारों में पार्टी के पक्ष में लिखते हैं और सर्वदलीय बैठकों में पार्टी का नेतृत्व करते हैं। उनके अलावा सुखेंदु शेखर रॉय, सुष्मिता देब, डोला सेन और शांता छेत्री रिटायर हो रहे हैं। इसमें सुखेंदु शेखर राय को छोड़ कर बाकी तीनों की टिकट अनिश्चित है।