गुजरात की तीन राज्यसभा सीटों पर तीन नेता निर्विरोध चुन लिए गए हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर के अलावा बाबूभाई देसाई और केसरीदेव सिंह को भाजपा ने राज्यसभा में भेजा। जयशंकर पहले से राज्यसभा में थे। उनको दोबारा मौका मिला, जबकि जुगलजी ठाकोर और दिनेश अनवाडिया की जगह दो नए लोग राज्यसभा में गए। चुनाव से पहले कहा जा रहा था कि भाजपा ने जिन पुराने नेताओं को पिछले विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया था उनमें से कम से कम दो लोगों को राज्यसभा भेज देगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब कहा जा रहा है कि उन नताओं को लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए कहा जा सकता है।
ध्यान रहे पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव से पहले एक साल पहले भाजपा ने गुजरात की पूरी सरकार बदल दी थी। मुख्यमंत्री विजय रुपानी की जगह भूपेंद्र पटेल को कमान दी गई। रुपानी की सरकार के सारे मंत्री भी हटा दिए गए। उसके बाद से ही चर्चा हो रही थी कि विजय रुपानी को दिल्ली लाया जाएगा। इसके अलावा उनकी सरकार में उप मुख्यमंत्री रहे नितिन पटेल को भी राज्यसभा मिलने की चर्चा थी। पहले हटाए गए सौरभ पटेल से लेकर भूपेंद्र चूड़ासमा तक कई नेता पुनर्वास की उम्मीद लगाए बैठे थे। लेकिन भाजपा ने किसी को राज्यसभा में नहीं भेजा। उनकी जगह बिल्कुल नए और बहुत कम अनुभव वाले दो लोगों को उच्च सदन में भेजने का फैसला किया गया। भाजपा के जानकार नेताओं का कहना है कि इस बार लोकसभा चुनाव में पार्टी अपने जीते हुए ज्यादातर सांसदों की टिकट काट देगी। विजय रुपानी सहित उनकी सरकार में मंत्री रहे कई लोगों के चुनाव लड़ने की चर्चा है।