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राहुल और कठेरिया का फर्क

कांग्रेस नेता राहुल गांधी और भाजपा के सांसद रामशंकर कठेरिया का फर्क बहुत दिलचस्प है। राहुल गांधी देश की सबसे पुरानी और इस समय मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं। चार बार के सांसद हैं और कांग्रेस के निर्विवाद सर्वोच्च नेता हैं। लेकिन सूरत की एक अदालत ने मानहानि के एक मुकदमे में उनको दोषी ठहराया और दो साल की जो अधिकतम सजा हो सकती थी वह सुना दी। इसके बाद वे जिला अदालत में गए, जिसने सजा पर रोक नहीं लगाई। फिर राहुल हाई कोर्ट पहुंचे। वहां भी सजा पर रोक नहीं लगी, उलटे हाई कोर्ट ने विस्तार से टिप्पणी करते हुए राहुल को आदतन लोगों की मानहानि करने वाला बताया और कहा कि सजा का फैसला ठीक है। राहुल को अंत में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली। एक साधारण मानहानि के मामले में उनको सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा।

दूसरी ओर भाजपा के सांसद रामशंकर कठेरिया को एक निजी कंपनी के अधिकारी से मारपीट करके उसे गंभीर रुप से घायल करने और बलवा करने के मामले में इटावा की एक अदालत ने दो साल की सजा दी। उनके खिलाफ धारा 147 और धारा 323 के तहत मुकदमा हुआ था। धारा 147 में तीन साल तक की सजा का प्रावधान है। लेकिन उनको दो साल की सजा मिली। इससे उनकी सदस्यता पर तलवार लटकी लेकिन लोकसभा सचिवालय ने उनकी सदस्यता खत्म नहीं की। दो दिन के बाद वे आगरा की जिला अदालत में गए, जिसने उनकी सजा पर रोक लगा दी। सोचें, कानून व्यवस्था से जुड़े एक गंभीर मामले में दोषी पाए गए कठेरिया को जिला अदालत से ही राहत मिल गई लेकिन मानहानि के मामले में राहुल को सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा।

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By NI Political Desk

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