कांग्रेस नेता राहुल गांधी कभी भी संतुलन के साथ भाषण देने की कोशिश नहीं करते हैं। वे हमेशा अतिवादी रंग में होते हैं। जो बात कहते हैं वह सुपरलेटिव डिग्री में यानी अतिशयोक्ति अलंकार में बोलते हैं। चौकीदार चोर है से लेकर हर व्यक्ति की जाति पूछते चलने तक यह दिखता है। हो सकता है कि उनके अंदर भी इस तरह से बात करने की प्रवृत्ति हो लेकिन ज्यादा संभावना इस बात की है कि उनके भाषण लिखने वालों को भरोसा नहीं हो कि जो बात वे कहने जा रहे हैं उसे लोग ध्यान से सुनेंगे। उनको लगता है कि अतिशयोक्ति में बोलने पर लोग ध्यान देंगे और उसका असर होगा। लेकिन ऐसा नहीं होता है। आमतौर पर जिसके पास कहने को कुछ नहीं होता है वही चिल्ला कर अपनी बात कहता है।
राहुल गांधी के भाषणों का विश्लेषण करें तो हर चुनाव में कुछ न कुछ अतिवादी बातें मिल जाएंगी। जैसे अभी दो राज्यों के विधानसभा चुनाव में उन्होंने जितना भी प्रचार किया उसमें वे लगातार सुपरलेटिव डिग्री में बोलते रहे। उन्होंने एक सभा में कह दिया कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की तरह मोदी भी बात भूलने लगे हैं और उनको पीछे से बताना होता है कि क्या बोलना है। पता नहीं क्यों राहुल ने यह बात कही क्योंकि यह अमेरिका के लिहाज से भी बैड टेस्ट में है। अगर बाइडेन को बात भूलने की बीमारी है तो यह मजाक का विषय नहीं है और उनकी पार्टी ने खुद ही उनको राष्ट्रपति चुनाव से हटाया था। दूसरे, प्रधानमंत्री कैसे बात भूल रहे हैं, इसकी कोई मिसाल नहीं दी और दोबारा कहीं यह बात कही भी नहीं।
इसी तरह उन्होंने एक सभा में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के अरबपतियों की कठपुतली हैं। एक तरफ प्रचार और अपने संसाधनों के जरिए भाजपा ने देश में यह स्थापित किया है कि मोदी विश्व नेता हैं और इतने मजबूत हैं, जितना मजबूत नेता आजतक नहीं हुआ। भाजपा की सरकार ने अपनी योजनाओं से यह मैसेज बनवाया है कि मोदी अति पिछड़ी जाति से आते हैं और गरीबों के लिए सोचते हैं। देश का बड़ा समूह इस पर विश्वास भी करता है। दूसरी ओर राहुल गांधी कह रहे हैं कि मोदी अरबपतियों की कठपुतली हैं। पता नहीं राहुल का भाषण लिखने वालों को अंदाजा है या नहीं कि आम लोग या तो इस पर यकीन नहीं कर रहे हैं और कर रहे हैं तो उसे गलत नहीं मान रहे हैं। ऐसे ही भाजपा की ओर से कहा गया कि राहुल की सभाओं में खाली पन्नों वाला संविधान बांटा गया तो इसका जवाब देने के लिए राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला किया तो कहा कि मोदी ने संविधान का एक भी पन्ना नहीं पढ़ा है।