राजधानी दिल्ली में कांग्रेस पार्टी न्याय यात्रा निकाल रही है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की तर्ज पर यह यात्रा चल रही है। चार चरणों में होने वाली इस यात्रा का दूसरा चरण शुरू हो गया है। पहला चरण आठ नवंबर को राजघाट से शुरू हुआ था। एक हफ्ते बाद 15 नवंबर को दूसरा चरण शुरू हुआ। पहले चरण में कांग्रेस की न्याय यात्रा 15 विधानसभा क्षेत्रों से गुजरी। करीब 125 किलोमीटर की इस यात्रा में कांग्रेस के नेता शामिल हुए। प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव यात्रा का नेतृत्व कर रहे हैं। पहले चरण की शुरुआत कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने की थी और वे भी इस यात्रा में शामिल हुए थे।
पहले कहा गया था कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी के सर्वोच्च नेता राहुल गांधी भी इस यात्रा में शामिल होंगे। यह भी कहा जा रहा था कि यात्रा की शुरुआत खड़गे या राहुल करेंगे। लेकिन इन दोनों में से किसी ने यात्रा को हरी झंडी नहीं दिखाई और पहले चरण की यात्रा में शामिल होने का समय खड़गे या राहुल गांधी को नहीं मिला। यह अलग बात है कि इस दौरान राहुल गांधी केरल के वायनाड में डटे रहे, जहां उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा लोकसभा का उपचुनाव लड़ रही हैं। वहां उन्होंने रैली की और वायनाड में जिपलाइनिंग की यानी एडवेंचर स्पोर्ट्स में हिस्सा लिया।
सोचें, दिल्ली में दो महीने के बाद विधानसभा का चुनाव होने वाला है और कांग्रेस पार्टी अपनी स्वतंत्र राजनीति के लिए या अपनी ताकत बढ़ा कर, दिखा कर आम आदमी पार्टी से कोई सम्मानजनक समझौता करने के लिए यात्रा कर रही है लेकिन राहुल गांधी उसमें भी हिस्सा नहीं ले रहे हैं। वे एक महीने तक चलने वाली इस यात्रा में किसी दिन हिस्सा ले लेंगे लेकिन वह औपचारिकता मात्र होगी। राहुल या खड़गे या कांग्रेस के किसी और बड़े नेता के शामिल नहीं होने से इस यात्रा को कोई खास रिस्पांस नहीं मिल रहा है।