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राहुल के साथ क्या सहयोगी यात्रा करेंगे

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सात सितंबर 2022 को जब अपनी भारत जोड़ो यात्रा शुरू की थी तब डीएमके नेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने उनकी यात्रा शुरू कराई थी। स्टालिन ने राहुल के हाथ में तिरंगा थमाया था और उन्होंने यात्रा शुरू की थी। इस बार ऐसा कोई सहयोगी नहीं दिख रहा है, जो मणिपुर की राजधानी इम्फाल जाकर राहुल को तिरंगा थमाएगा। इसलिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे मणिपुर जाएंगे और 14 जनवरी को राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू कराएंगा। लेकिन सवाल है कि उसके बाद क्या? क्या उसके बाद कांग्रेस की सहयोगी पार्टियों के नेता यात्रा में राहुल के साथ चलेंगे?

राहुल की पिछली यात्रा में कुछ राज्यों में सहयोगी पार्टियों के नेता राहुल की यात्रा में जुड़े थे। महाराष्ट्र में शिव सेना के उद्धव ठाकरे गुट की ओर से आदित्य ठाकरे और एनसीपी की ओर से सुप्रिया सुले यात्रा में शामिल हुई थीं। उस समय एनसीपी का विभाजन नहीं हुआ था। अजित पवार साथ ही थे लेकिन शरद या अजित पवार में से कोई यात्रा में शामिल नहीं हुआ। झारखंड की सहयोगी जेएमएम ने अपने नेता और राज्य सरकार के मंत्री मिथिलेश ठाकुर को भेजा था, जो मध्य प्रदेश में यात्रा में शामिल हुए थे और श्रीनगर में यात्रा के समापन में भी शामिल हुए थे। श्रीनगर में भारी बर्फबारी के बीच हुई समापन रैली में जेएमएम, डीएमके, सीपीआई, पीडीपी, नेशनल कांफ्रेंस आदि पार्टियों के नेता शामिल हुए थे।

अब सवाल है कि इस बार की यात्रा में कौन कौन विपक्षी या कांग्रेस की सहयोगी पार्टियां हैं, जिनके नेता राहुल गांधी के साथ यात्रा में चलेंगे? ध्यान रहे पिछली राजद और जदयू ने अपना कोई नेता यात्रा में नहीं भेजा था और हेमंत सोरेन भी खुद शामिल नहीं हुए थे। लेकिन इस बार यात्रा बिहार और झारखंड से गुजरने वाली है। जानकार सूत्रों का कहना है कि इस बार बिहार में राहुल गांधी की यात्रा में राजद नेता और राज्य के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव शामिल होंगे और झारखंड में जब यात्रा जाएगी तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी शामिल होंगे। यह भी बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की यात्रा पहुंचने पर अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव यात्रा में शामिल हो सकते हैं। जानकार सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी वाड्रा रहेंगी और तब डिंपल भी यात्रा से जुड़ेंगी।

राहुल की यात्रा पूर्वोत्तर के राज्यों से निकल कर पश्चिम बंगाल में प्रवेश करेगी। लेकिन पश्चिम बंगाल में सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस का कोई नेता इसमें शामिल नहीं होगा। ममता बनर्जी भले अभी कांग्रेस के प्रति सद्भाव दिखा रही हैं लेकिन तालमेल की गुंजाइश कम दिख रही है। अगर किसी तरह तालमेल हो भी जाता है तो ममता या अभिषेक बनर्जी में से कोई कांग्रेस की यात्रा में नहीं शामिल होगा। इसी तरह आम आदमी पार्टी से तालमेल की बात हो रही है लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल या पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के राहुल की यात्रा में शामिल होने की संभावना कम है। अगर तालमेल हो गया तो केजरीवाल अपनी पार्टी के नेताओं को यात्रा में शामिल होने के लिए भेज सकते हैं।

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