पंजाब में लंबे समय तक राजनीति की धुरी रही शिरोमणी अकाली दल का असर लगातार कम होता जा रहा है। अब श्री अकाल तख्त ने पार्टी के प्रमुख सुखबीर बादल को तनखैया घोषित करने के बाद सजा सुना दी है। उनको स्वर्ण मंदिर सहित कई गुरुद्वारों में दो दो दिन की सेवा करनी है। उनके पैर में फ्रैक्चर है इसलिए मुश्किल सेवा नहीं दी गई है लेकिन उनको हाथ में बरछी लेकर और गले में तख्ती लटका कर गेट पर ड्यूटी देनी है और लंगर में जूठे बर्तन भी धोने हैं। लेकिन इससे बड़ी बात यह है कि श्री अकाल तख्त ने उनके पिता स्वर्गीय प्रकाश सिंह बादल को दिया गया फख्रे ए कौम का खिताब भी छीन लिया है।
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इसका प्रदेश की राजनीति पर बड़ा असर होगा। अकाल तख्त ने दिखाया है कि वह मृत व्यक्ति को भी उसकी पुरानी गलतियों के लिए सजा सुना सकता है। गौरतलब है कि तनखैया घोषित होने के बाद सुखबीर बादल ने पार्टी के प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया था और राज्य में चार सीटों पर हुए उपचुनाव में भी हिस्सा नहीं लिया था। अकाली राजनीति के जानकारों का कहना है कि सजा सुनाए जाने और फख्रे ए कौम का खिताब छीने जाने से बादल परिवार का असर घटेगा। पार्टी के अंदर भी उनका जो एकछत्र राज था उस पर भी असर पड़ेगा और वोट की राजनीति पर भी असर होगा। हालांकि उनके मुकाबले का कोई दूसरा विकल्प अभी किसी के पास नहीं है इसलिए कई जानकार मान रहे हैं कि सजा काटने के बाद सुखबीर मजबूत होकर निकलेंगे और उनकी पार्टी फिर से पहले की तरह स्थापित होगी। दोनों में से कुछ भी होगा तो प्रदेश की राजनीति बहुत प्रभावित होगी।