विपक्षी पार्टियों के शासन वाले राज्यों में राज्यपालों के टकराव का मामला अब बिल्कुल नए स्तर पर पहुंच रहा है। राज्यपालों के बरताव को लेकर सरकारें अब अदालत का रुख कर रही हैं। पंजाब की भगवंत मान सरकार ने राज्यपाल के रवैए की शिकायत सुप्रीम कोर्ट में करने का फैसला किया है। सरकार ने कहा है कि विजयादशमी की छुट्टियों के बाद यानी 30 अक्टूबर के बाद वह सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी। असल में राज्य सरकार ने कैबिनेट की मंजूरी के बाद तीन विधेयक राज्यपाल को भेजे थे ताकि उसे विधानसभा में पेश किया जा सके। लेकिन राज्यपाल ने उन विधेयकों को मंजूरी नहीं दी।
उलटे राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने राज्य सरकार की ओर से बुलाए गए विशेष सत्र को ही अवैध करार दे दिया। जब राज्यपाल न सत्र को अवैध करार दिया और सत्र में पेश किए जाने वाले विधेयकों की मंजूरी नहीं दी तो राज्य सरकार ने सत्र को स्थगित कर दिया और कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी। यह पहली बार हो रहा है, जब एक पूर्ण राज्य की पूर्ण बहुमत वाली सरकार के विधानसभा सत्र बुलाने में अड़ंगा डाला जा रहा है और उसमें पेश किए जाने वाले विधेयकों की मंजूरी नहीं दी जा रही है। विधानसभा से मंजूर विधेयकों को रोकने की तो मिसालें तमिलनाडु से लेकर केरल तक कई हैं।