पिछले कुछ दिनों से इस बात की चर्चा चल रही है कि लोकसभा चुनाव से पहले पेट्रोलियम उत्पादों यानी पेट्रोल और डीजल के दाम कम हो सकते हैं। आंकड़ों के आधार पर बताया जा रहा है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम थोड़ा ऊपर जाने के बाद एक बार फिर 80 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गया है इसलिए भारत में इसकी कीमत कम हो सकती है। चुनाव भी है और ऊपर से कच्चा तेल सस्ता भी हो रहा है। हालांकि कुछ दिन पहले तक कच्चा तेल 72 से 75 डॉलर प्रति बैरल के बीच था लेकिन तब भी भारत में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत कम नहीं हुई थी। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले रसोई गैस सिलिंडर की कीमतों में जरूर कुछ सब्सिडी दी गई थी लेकिन पेट्रोल, डीजल के दाम कम नहीं हुए।
बताया जा रहा है कि पेट्रोलियम कंपनियां एक लीटर पेट्रोल पर 11 रुपए और एक लीटर डीजल पर छह रुपए की कमाई कर रही हैं। यह बेहिसाब कमाई हुई। प्रति लीटर एक रुपए लीटर तक कमाई पर्याप्त होनी चाहिए। क्योंकि लोग पहले से इनकी कीमत पर 50 फीसदी तक टैक्स चुका रहे हैं। बहरहाल, जानकार सूत्रों का कहना है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती की संभावना बहुत कम है। बताया जा रहा है कि पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने इसका एक प्रस्ताव बनाया था लेकिन प्रधानमंत्री के स्तर पर उसको रोक दिया गया। बताया गया कि देश के लोगों ने पेट्रोल और डीजल की मौजूदा कीमत को स्वीकार कर लिया है। उनमें इसे लेकर कोई नाराजगी नहीं है। इसलिए कीमत कम करने की जरुरत नहीं है। माना जा रहा है कि कीमत बढ़ाई नहीं जाए तब भी लोग संतुष्ट हैं।