श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद की ओर से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को 22 जनवरी को अयोध्या आने का न्योता दिया गया है। राष्ट्रपति भवन की ओर से कहा गया है कि महामहिम जल्दी ही फैसला करेंगी कि वे कब अयोध्या जाएंगी। हालांकि न्योता सबको 22 जनवरी का ही दिया जा रहा है क्योंकि उससे पहले या बाद में किसी को अयोध्या जाने के लिए किसी के न्योते की जरुरत नहीं पड़ेगी। तभी अगर राष्ट्रपति अयोध्या जाने का फैसला करती हैं तो उनकी यात्रा 22 जनवरी को ही होगी। वे प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में शामिल होंगी।
जानकार सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रपति को बुलाने का फैसला बाद में हुआ है। पहले राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति या संवैधानिक पदों पर बैठे दूसरे लोगों को न्योता नहीं दिया जाना था। तभी यह खबर आई थी कि रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्य आचार्य के अलावा सिर्फ तीन लोग गर्भगृह में रहेंगे। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गर्भगृह में रहने की खबर थी। तभी अब दिलचस्प सवाल है कि राष्ट्रपति जाएंगी तो क्या गर्भगृह में मौजूद रहेंगी? इसे लेकर कई तरह के धार्मिक और राजनीतिक सवाल अगले कुछ दिन में उठेंगे। राष्ट्रपति नहीं जाने का फैसला नहीं कर सकती हैं क्योंकि इससे कांग्रेस का स्टैंड जस्टिफाई होगा।