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धर्म की राजनीति में भारी प्रतिस्पर्धा

भारत की राजनीति में हर चीज में भेड़चाल होती है। एक पार्टी या एक नेता कोई काम करता है और लगता है कि इससे उसको फायदा हो सकता है या फायदा हो रहा है तो सब उसी राजनीति में प्रतिस्पर्धा करने लगते हैं। एक समय जाति की राजनीति करने की होड़ मची थी तो एक समय विकास की बात करने की होड़ मची और एक समय मुफ्त की चीजें बांटने की होड़ मची। ऐसा नहीं है कि वह सारी होड़ खत्म हो गई है लेकिन अब धर्म की राजनीति करने की होड़ मची है। भाजपा ने आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद को साथ लेकर अयोध्या पर जैसी राजनीति की है उससे पार्टियों की नींद उड़ी है। इसलिए बीजू जनता दल से लेकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस से लेकर राजद और जदयू तक धर्म की राजनीति में होड़ कर रहे हैं।

उधर अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होने वाली है, जिसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 दिन का विशेष अनुष्ठान कर रहे हैं तो उनकी सरकार के मंत्री और पार्टी के विधायकों मंदिरों में सफाई अभियान चलाए हुए हैं। उससे पहले ओडिशा के जगन्नाथ पुरी मंदिर में पुरी पथ परिक्रमा प्रोजेक्ट का उद्घाटन हो रहा है। आठ सौ करोड़ रुपए की लागत से पूरी हुई इस परियोजना के प्रचार में ओडिशा की नवीन पटनायक सरकार ने जी-जान लगाया है। मंगलवार को देश भर के अखबारों में पूरे पन्ने का विज्ञापन छपा और आगे खबरों में बताया गया कि हर दिन 10 हजार लोगों को पुरी मंदिर की परिक्रमा के लिए ले आना है। जिस तरह अयोध्या में हर दिन एक लाख लोगों को लाने का लक्ष्य है वैसे ही पुरी में नवीन पटनायक सरकार का लक्ष्य 10 हजार लोगों को हर दिन लाने का है। दिलचस्प बात यह है कि भाजपा इसे राजनीति बता कर आलोचना कर रही है।

इसी तरह अयोध्या में भव्य कार्यक्रम से एक हफ्ते पहले मंगलवार यानी 16 जनवरी से दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने सुंदरकांड का पाठ शुरू करा दिया है। हनुमान जी की आराधना के लिए हर वार्ड में मंगलवार को सुंदरकांड का पाठ होगा और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया पर लोगों को बताया है कि वे अपनी पत्नी के साथ दिल्ली में रोहिणी के हनुमान मंदिर में सुंदरकांड का पाठ करेंगे। उन्होंने लोगों से अपने घरों में सुंदरकांड का पाठ करने को कहा है। इतना ही नहीं उनकी सरकार की ओर से बताया गया है कि हर महीने के पहले मंगलवार को सुंदरकांड का पाठ कराने के लिए पार्टी में एक विभाग बनाया जाएगा।

कांग्रेस पार्टी के नेता भले 22 जनवरी को अयोध्या नहीं जा रहे हैं लेकिन उन्होंने भी कोई कसर नहीं छोड़ी है। पार्टी के उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष अजय राय और प्रभारी अविनाश पांडे के साथ कई नेताओं ने 15 जनवरी को सरयू के ठंडे पानी में स्नान किया, नंगे बदन फोटो खिंचवाई और  रामलला के दर्शन किए। पार्टी के राज्यसभा सांसद दीपेंदर हुड्डा और सोशल मीडिया की प्रभारी सुप्रिया श्रीनेत ने भी रामलला के दर्शन किए। कांग्रेस ने यह भी कहा है कि राहुल गांधी की यात्रा के दौरान हजारों मंदिरों में कांग्रेस के नेता दर्शन करेंगे। उधर बिहार में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की सरकार ने अयोध्या की तर्ज पर सीतामढ़ी में माता जानकी के जन्मस्थान के पुनरूद्धार की परियोजनाओं पर बड़ा खर्च कर रही है। पिछले दिनों 70 करोड़ रुपए के एक प्रोजेक्ट की मंजूरी दी गई।

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