एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का परिवारवाद पर हमला है और दूसरी ओर विधायिका में एक परिवार के कई सदस्यों की संख्या बढ़ते जाने की हकीकत है। कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियों में तो ऐसा है ही, प्रधानमंत्री की अपनी पार्टी भी इससे बची हुई नहीं है। अब एक नई तरह की जोड़ियां बन रही हैं और आने वाले दिनों में इस तरह की कई जोड़ियां देखने को मिल सकती हैं। अब विधानसभाओं में पति-पत्नी की जोड़ी बन रही है। दो राज्यों में ऐसी जोड़ी बन चुकी है और देश में जिस तरह की राजनीति हो रही है उससे लगता है कि आने वाले समय में कम से कम तीन और राज्यों में इस तरह की जोड़ी बन सकती है। यह एक तरह से बिहार में लालू प्रसाद और राबड़ी देवी के प्रयोग की तरह है।
पिछले दिनों झारखंड में हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर जेल जाना पड़ा तो उनकी पत्नी कल्पना सोरेन विधानसभा का चुनाव लड़ीं। उनके चुनाव लड़ने के लिए हेमंत सोरेन जेल जाने से पहले ही सीट खाली करा कर गए थे। उन्होंने गांडेय विधानसभा सीट खाली कराई थी और सीट खाली करने के बदले वहां के विधायक सरफराज आलम को राज्यसभा भेजा। हेमंत जेल से छूट कर आ गए हैं और फिर से मुख्यमंत्री बन गए हैं। सो, अब हेमंत गाड़ी चला कर विधानसभा जा रहे हैं और पत्नी साथ जा रही हैं। दोनों विधानसभा के सदस्य हैं। यह प्रयोग हिमाचल प्रदेश में भी हो गया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर उपचुनाव में देहरा सीट से जीत गई हैं। वे अपनी पति से ज्यादा अंतर से जीती हैं। सो, अब विधानसभा में दोनों साथ बैठेंगे।
आने वाले दिनों में इस तरह के प्रयोग और देखने को मिलेंगे। जो नेता जेल जा चुके वे भी यह प्रयोग करेंगे और जिनके ऊपर तलवार लटकी हुई है वे भी करेंगे। कम से कम तीन राज्य फिलहाल दिख रहे हैं। उनमें एक राज्य दिल्ली हो सकता है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल में बंद हैं और उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है। अब लग भी नहीं रहा है कि वे इस्तीफा देंगे क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने ईडी के मामले में उनको जमानत देते हुए कहा कि वे चुने हुए नेता हैं और उनको तय करना है कि वे पद पर बने रहते हैं या इस्तीफा देते हैं। अब उनकी पार्टी सीबीआई मामले में जमानत लेने की बेचैनी में है। सो, वे इस्तीफा नहीं देंगे। लेकिन देते तो किसको मुख्यमंत्री बनाते? इस समस्या का समाधान अगले साल जनवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव में हो सकता है। अगले साल उनकी पत्नी सुनीत केजरीवाल भी विधानसभा का चुनाव लड़ सकती हैं।
दूसरा प्रयोग बिहार में होने की संभावना है। पिछले काफी समय से इस बात की चर्चा है कि तेजस्वी यादव की पत्नी राजश्री सक्रिय राजनीति में आ सकती हैं। पड़ोसी राज्य झारखंड में कल्पना सोरेन को जैसी लोकप्रियता मिली है उसे देखते हुए माना जा रहा है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में राजश्री को भी चुनाव लड़ाया जा सकता है। हालांकि कुछ जानकार उनको विधान परिषद या राज्यसभा भेजने की बात कर रहे हैं। तीसरा राज्य आंध्र प्रदेश हो सकता है लेकिन अभी उसमें देरी है। वहां जगन मोहन रेड्डी की पत्नी वाईएस भारती चुनाव लड़ सकती हैं। अगर अभी जगन को जेल जाना पड़ा तो पहल भी भारती के लिए कोई सीट खाली कराई जा सकती है।