नई लोकसभा के पहले सत्र के पहले दिन संसद भवन के परिसर में दिलचस्प नजारा था। सभी विपक्षी पार्टियों के सांसद अपने हाथ में संविधान लेकर पहुंचे थे। संसद परिसर में महात्मा गांधी की मूर्ति के सामने विपक्षी सांसदों ने विरोध प्रदर्शन किया तब भी उनके हाथ में संविधान की प्रति थी। संसद के अंदर भी सब संविधान लेकर बैठे रहे और कई सांसदों तो संविधान की कॉपी लेकर शपथ लेने गए। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी सीट पर बैठे बैठे संविधान की कॉपी दिखाई। सो, इस बार संसद सत्र की थीम संविधान हो गई है। राहुल गांधी ने सरकार पर हमला करते हुए यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह संविधान खत्म करना चाहते हैं।
संविधान लेकर संसद में पहुंचे नेताओं में एक चीज खासतौर से नोट करने वाली थी कि सब अपनी अपनी विचारधारा के हिसाब से संविधान की कॉपी लेकर पहुंचे थे। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव के हाथ में हरे रंग का संविधान था। हालांकि उनकी पत्नी डिंपल यादव ने क्लासिक डिजाइन का संविधान लिया था। आजाद समाज पार्टी के सांसद चंद्रशेखर आजाद बहुजन राजनीति के प्रतीक यानी नीले रंग का संविधान लेकर संसद पहुंचे थे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी लाल और काले रंग का संविधान लेकर पहुंचे थे। ध्यान रहे लोकसभा चुनाव के पूरे प्रचार में राहुल गांधी संविधान की ऐसी ही प्रति लेकर मंच पर जाते थे और दावा करते थे कि केंद्र में भाजपा की सरकार बनी तो वह इस किताब को फाड़ कर कूड़े में फेंक देगी। भाजपा के कुछ नेताओं ने इसके रंग को देख कर कहा था कि यह चीन का संविधान है। बहरहाल, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित ज्यादातर विपक्षी पार्टियों के सांसद यही संविधान लेकर पहुंचे थे।