सचमुच भारत धीरे धीरे राजनीतिक नौटंकियों का देश बनता जा रहा है। हर नेता को कोई न कोई नौटंकी करनी है ताकि वह सोशल मीडिया की चर्चा में बना रहे या कोई दूसरा राजनीतिक लाभ हासिल कर सके। हर नेता अपनी नौटंकी में बेहतरीन अभिनय से दूसरे को मात देने में लगा हुआ है। देश में अपने अभिनय की नाटकीयता से लोगों को चमत्कृत करते रहने वाले नेताओं में एक बिहार के सांसद पप्पू यादव हैं। उनमें जबरदस्त अभिनय क्षमता है और स्क्रिप्ट भी हमेशा तैयार रहती है। वे कोई नया नाटक करने का एक भी मौका नहीं छोड़ते हैं। तभी जब बिहार से निकल कर मुंबई गए और वहां कारोबार व राजनीति में कामयाब हुए बाबा सिद्दीकी की हत्या हुई तो पप्पू यादव को अपना अभिनय कौशल दिखाने का मौका मिला। वे मुंबई पहुंच गए। बाबा सिद्दीकी के बेटे जीशान सिद्दीकी को गले लगा कर सुरक्षा का भरोसा दिलाया। इतना ही नहीं सलमान खान मुंबई में नहीं मिले तो उनको फोन कर भरोसा दिलाया कि घबराने की जरुरत नहीं है वे उनके साथ हैं।
लेकिन अब खुद पप्पू यादव को सुरक्षा चाहिए और वह भी जेड प्लस की। इसके लिए उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री को चिट्ठी लिखी है। सोचें, जिन लोगों को जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई की धमकी मिली थी उनको भरोसा दिलाने गए पप्पू यादव को जैसे ही लॉरेंस गैंग से किसी का धमकी भरा फोन आया वे अपने लिए सुरक्षा मांगने लगे। इससे भी हैरानी वाली बात यह है कि बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद पप्पू यादव ने दम भरा था कि कानून इजाजत दे तो 24 घंटे में दो कौड़ी के गैंगेस्टर लॉरेंस बिश्नोई के पूरे गिरोह का खात्मा कर दें। सोचें, लॉरेंस गैंग को खत्म करने के लिए जिस कानून की इजाजत मांग रहे थे पप्पू यादव उसी कानून से अपने लिए सुरक्षा मांग रहे हैं। कोई उनसे पूछे कि जब जीशान सिद्दीकी और सलमान खान को पर्याप्त सुरक्षा मिली हुई है और पुलिस उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित है तो पप्पू यादव किस हैसियत से उनको सुरक्षा का भरोसा देने गए थे? और अगर पप्पू यादव के पास सुरक्षा का अपना कोई तंत्र है, जिसके आधार पर भरोसा देने गए थे तो अब उनको खुद पुलिस की सुरक्षा क्यों चाहिए? लेकिन इसी तार्किक बातों से इस देश में किसी को कोई मतलब नहीं होता है। सोशल मीडिया में यादव उपनाम वाले हर हैंडल से पप्पू यादव को बहादुर और मर्द साबित करने के प्रयास अब भी चल रहे हैं!