सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता ओमप्रकाश राजभर की अमित शाह से मुलाकात हुई और एनडीए में लौटे तो उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वे सांसद का चुनाव लड़ेंगे या राज्य सरकार में मंत्री बनेंगे यह बाद में तय होगा। बताया जा रहा है कि उन्होंने भाजपा के साथ तीन लोकसभा सीट लेने का समझौता किया है और साथ ही यह भी शर्त रखी है कि योगी आदित्यनाथ की सरकार में उनको मंत्री बनाया जाए। अब सवाल है कि क्या योगी आदित्यनाथ उनको फिर से अपनी सरकार में मंत्री बनाने को राजी होंगे?
यह सवाल इसलिए है क्योंकि बड़ी कड़वाहट के बाद उनको सरकार से निकाला गया था। वे लगातार भाजपा के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे। तभी 2019 में लोकसभा का चुनाव खत्म होते ही योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल को सिफारिश भेजी, जिसमें कहा कि पिछड़ा वर्ग कल्याण और दिव्यांग जन कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर को तत्काल प्रभाव से मंत्रिमंडल से बरखास्त किया जाए। तभी लखनऊ के जानकार सूत्रों का कहना है कि संभव है कि योगी आदित्यनाथ उनको फिर से मंत्री बनाने में आनाकानी करें। ध्यान रहे पहले भी ऐसा हो गया है कि दिल्ली से भेजे गए पूर्व आईएएस अधिकारी को मंत्री बनाने का मामला काफी समय तक लंबित रहा था। यह भी कहा जा रहा है कि राजभर की बजाय उनकी पार्टी के किसी अन्य विधायक को मंत्री बनाया जा सकता है और कहा जा सकता है कि वे लोकसभा का चुनाव लड़ने की तैयारी करें।