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पांडियन ने अपने को उत्तराधिकारी घोषित किया

ओडिशा के पूर्व आईएएस अधिकारी वीके पांडियन ने इस बात का इंतजार नहीं किया कि मुख्यमत्री नवीन पटनायक उनको अपना उत्तराधिकारी घोषित करें। उन्होंने खुद ही अपने को नवीन पटनायक के कथित महान समाजवादी और लोकतांत्रिक मूल्यों का उत्तराधिकारी घोषित कर लिया। पांडियन तमिलनाडु के रहने वाले हैं और ओडिशा कैडर के अधिकारी थे। वे लंबे समय से नवीन पटनायक के निजी सहायक रहे और इस दौरान उन्होंने सरकार के साथ साथ पार्टी के कामकाज पर भी पूरी तरह से नियंत्रण कर लिया। नवीन पटनायक के करीबी रहे प्यारी मोहन महापात्र के पार्टी से बाहर होने के बाद पांडियन का एकछत्र राज हो गया।

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पांडियन ने वीआरएस लेकर सेवा छोड़ दी और बीजू जनता दल में शामिल हो गए। अभी उनको कैबिनेट मंत्री वाला दर्जा मिला हुआ है। भाजपा से तालमेल की बात वे कर रहे थे और अभी नवीन पटनायक से ज्यादा सभाएं उनकी हो रही हैं। उनकी पत्नी सुजाता कार्तिकेयन ओडिशा की रहने वाली हैं और वे भी आईएएस अधिकारी हैं। एक चर्चा यह भी थी कि ओडिया अस्मिता का मामला न बने इसलिए पांडियन की बजाया उनकी पत्नी सुजाता को नवीन पटनायक का उत्तराधिकारी बनाया जाए। लेकिन अब पांडियन ने खुद ही अपने उत्तराधिकार घोषित कर दिया है। कहा जा रहा है कि नवीन पटनायक अगर दो सीटों से चुनाव जीतते हैं तो वे जो सीट खाली करेंगे वहां से पांडियन चुनाव लड़ेंगे।

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