भारतीय जनता पार्टी ने ओडिशा में ऑपरेशन लोटस तेज कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री और बीजू जनता दल के नेता नवीन पटनायक की सक्रियता से भाजपा चिंतित है। उसको लग रहा है कि नवीन पटनायक कोई खेल करें उससे पहले उनको इतना कमजोर कर दिया जाए कि वे खेल करने के लायक नहीं बचें। तभी उनकी पार्टी के दूसरे राज्यसभा सांसद को तोड़ दिया गया है। बीजद के राज्यसभा सांसद सुजीत कुमार ने पार्टी और उच्च सदन से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया है। अब राज्य में उनकी सीट पर उपचुनाव होगा, जिसमें भाजपा उनको प्रत्याशी बना देगी और इस तरह राज्यसभा में अपनी सीटों की संख्या में एक इजाफा कर लेगी। असल में भाजपा के लिए अपनी सीटों में इजाफे से ज्यादा नवीन पटनायक के सांसदों की संख्या कम करने की है।
कुछ दिन पहले ममता महापात्र ने इस्तीफा दिया था। उनको उपचुनाव में भाजपा ने टिकट दे दी और अब वे भाजपा की राज्यसभा सांसद हैं। उधर आंध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी की पार्टी के दो राज्यसभा सांसद इस्तीफा देकर भाजपा की सहयोगी टीडीपी के साथ चले गए हैं। भाजपा इन दोनों पार्टियों के राज्यसभा सांसदों की संख्या इसलिए कम करा रही है क्योंकि ये दोनों पार्टियां भाजपा की केंद्र सरकार को आंख दिखा रही हैं। नवीन पटनायक ने वक्फ बोर्ड बिल का विरोध किया है तो उससे पहले जगन मोहन ने कहा था कि उनके पास राज्यसभा के 11 और लोकसभा के चार सदस्य हैं। यानी टीडीपी के 16 सांसदों के मुकाबले उनके पास 15 सांसद हैं। उन्होंने भी वक्फ बोर्ड बिल का विरोध किया है। उसके बाद ही उनके सांसदों की संख्या कम करने का प्रयास शुरू हो गया। दोनों राज्यों में भाजपा अपनी इन पूर्व परोक्ष सहयोगियों को निपटाने का ताना बाना बुन दिया है। जल्दी ही दोनों पार्टियों में और इस्तीफे होंगे।