नीतीश कुमार ने मोदी के प्रति भाजपा नेताओं की तरह स्वामीभक्ति दिखाते हुए उनकी अमेरिका यात्रा की तारीफ की है। उन्होंने मोदी की यात्रा को बहुत सफल और उपलब्धियों भरा बताया है। मंदिर निर्माण पर चिट्ठी और मोदी की अमेरिका यात्रा की तारीफ के बाद सवाल उठ रहा है कि यह सब नीतीश कुमार कर रहे हैं या उनके आसपास रहने वाले और उनके सलाहकार कर रहे हैं?
पटना में इस बात की चर्चा है कि नीतीश के आसपास रहने वालों ने भाजपा और केंद्र सरकार के सामने सरेंडर किया हुआ है। इसका कारण कुछ राजनीतिक है और कुछ एजेंसियों का डर है। एक पूर्व अधिकारी इन दिनों नीतीश कुमार के यहां सबसे ज्यादा सक्रिय हैं और सारे कामकाज वे ही देख रहे हैं। पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा पुराने समय से भाजपा के करीब रहे हैं और जदयू व भाजपा के बीच कड़ी का काम वे कर रहे हैं।
सो, संभव है कि जदयू की राजनीतिक लाइन पर उनकी वजह से भाजपा का असर दिख रहा हो। केंद्रीय मंत्री और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने भी जिस अंदाज में यू टर्न लिया है और भाजपा व नरेंद्र मोदी की तारीफ शुरू की है उससे लग रहा है कि नीतीश का पूरा इकोसिस्टम ही भाजपा के हिसाब से काम कर रहा है।