delhi railway station stampede : केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनने के बाद घोषित या अघोषित रूप से यह नियम स्थापित किया गया कि इस सरकार में इस्तीफा नहीं होता है क्योंकि यह सरकार कोई गलती नहीं करती है।
गलती चाहे जितनी बड़ी हो, हादसा चाहे जितना बड़ा हो, उसमें नुकसान चाहे जितना बड़ा हुआ हो लेकिन मानना नहीं है कि सरकार या सिस्टम की गलती है।
हर बार कोई न कोई नया बहाना या नया बलि का बकरा खोजा जाता है। पिछले 10 वर्षों में बड़ी मेहनत से यह धारणा बनाई गई है कि पूरी कायनात मोदीजी के पीछे पड़ी है और उसको अच्छा नहीं लग रहा है कि मोदीजी के नेतृत्व में भारत इतनी तरक्की कर रहा है।
इसलिए पूरी कायनात साजिश कर रही है, भारत के खिलाफ। तभी जैसे ही कोई हादसा होता है इस नैरेटिव के तहत लोगों को बताया जाता है कि साजिश हुई है। (delhi railway station stampede)
अगर ऐसी किसी कथित साजिश में कोई अल्पसंख्यक पकड़ लिया जाए तब तो लोग भी मान लेते हैं कि साजिश हुई है।
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दिल्ली स्टेशन पर 18 लोगों की मौत (delhi railway station stampede)
तभी नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मची और 18 लोगों की मौत हो गई तो रेल मंत्री ने कहा कि साजिश के पहलू से जांच होगी। रेल मंत्री के मुंह में साजिश थ्योरी का खून लग गया है। (delhi railway station stampede)
ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण हादसे के समय से वे हर छोटी बड़ी ट्रेन दुर्घटना को साजिश बताते रहे हैं। इसी सिद्धांत के तहत महाकुंभ की भगदड़ और बड़ी संख्या में लोगों के मरने को भी साजिश बताया गया और कई कथित संदिग्धों को गिरफ्तार भी कर लिया गया।
लेकिन अब देश के लोग भी इसे समझने लगे हैं। इसलिए नई दिल्ली की घटना में साजिश का सिद्धांत काम नहीं कर रहा है। जो कुछ भी हुआ वह विशुद्ध रूप से रेलवे के निकम्मेपन और लापरवाही की वजह से हुआ।
इसलिए सुनियोजित तरीके से कंफ्यूजन क्रिएट किया जा रहा है। दिल्ली पुलिस ने कहा कि एक जैसे नाम वाली दो ट्रेनें एक साथ आ गईं इसलिए हादसा हुआ। (delhi railway station stampede)
रेलवे ने कहा कि एक व्यक्ति सीढ़ियों पर फिसल कर गिर गया, उसकी वजह से हादसा हुआ और रेल मंत्री ने कहा कि साजिश के तहत अफवाह फैलाई गई इसलिए हादसा हुआ। इसमें कहीं भी रेलवे की अक्षमता, मानवीय भूल या लापरवाही का जिक्र नहीं है।