राज्य-शहर ई पेपर पेरिस ओलिंपिक

संसद में परेशान पर सुप्रीम कोर्ट से राहत

केंद्र सरकार के लिए संसद का मानसून सत्र बड़ी मुश्किल वाला साबित हो रहा है। वह नीट यूजी की परीक्षा के पेपर लीक और दूसरी गड़बड़ियों के मसले पर संसद में घिरी थी और किसानों के मसले पर घिरने वाली थी। लेकिन उससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने उसको बड़ी राहत दे दी। दोनों मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को बचा दिया। सर्वोच्च अदालत ने मेडिकल में दाखिले के लिए हुई नीट यूजी की परीक्षा को रद्द करके दोबारा कराने की याचिकाएं खारिज कर दीं। दूसरा फैसला पंजाब और हरियाणा के शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के दिल्ली कूच को लेकर था। सुप्रीम कोर्ट ने बॉर्डर खोलने के हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी। इससे भी केंद्र सरकार को बड़ी राहत मिली है।

असल में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने दोनों बॉर्डर खोलने का दो टूक आदेश दिया था और कहा था कि अगर किसान दिल्ली जाना चाहते हैं तो यह उनका लोकतांत्रिक अधिकार है। उन्हें जाने दीजिए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट का ऐसा नहीं मानना है। सुप्रीम कोर्ट ने बॉर्डर खोलने के आदेश पर रोक लगा दी और हरियाणा सरकार से कहा कि वह किसानों से बात करे। अगर बॉर्डर खुल जाता तो किसानों ने दिल्ली आकर प्रदर्शन करने का ऐलान किया था। उनकी योजना संसद सत्र के दौरान रामलीला मैदान पहुंच कर प्रदर्शन करने की थी। चार राज्यों के चुनाव से पहले और संसद सत्र के बीच अगर इस तरह का प्रदर्शन होता तो उसका असर देश भर में होता लेकिन किसानों वाले प्रदेश महाराष्ट्र व हरियाणा में ज्यादा होता।

इसी तरह अगर सुप्रीम कोर्ट नीट यूजी की परीक्षा दोबारा कराने का आदेश दे देता तो सरकार बुरी तरह से घिरती। इस सत्र में राहुल गांधी ने इस मसले पर सरकार को निशाना बनाया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा रद्द नहीं की। इसके बाद भाजपा की ओर से प्रेस कांफ्रेंस करके राहुल गांधी को निशाना बनाया गया। रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि राहुल गांधी आरोप लगाने के लिए माफी मांगें। यह अलग बात है कि नीट यूजी पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला कोई केंद्र सरकार की जीत नहीं है। लेकिन इस फैसले से उसको तत्काल बड़ी राहत मिली है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *