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बिहार को आखिर केंद्र से क्या चाहिए

MLC Sunil Singh Membership Canceled

यह लाख टके का सवाल है, जिसका जवाब भाजपा के बिहार के किसी नेता के पास नहीं है। बिहार के सारे नेता एक लाइन तोते की तरह दोहरा रहे हैं कि बिहार को विशेष पैकेज मिलना चाहिए। लेकिन कोई यह नहीं बता रहा है कि विशेष पैकेज किस बात के लिए चाहिए। किस प्रोजेक्ट के लिए बिहार को खासतौर से पैसा चाहिए यह बताना होगा। उसके बगैर केंद्र से कुछ नहीं मिलने वाला है। बिहार के नेता चंद्रबाबू नायडू से सबक नहीं ले रहे हैं, जो मुख्यमंत्री बनने के बाद डेढ़ महीने से भी कम समय में दो बार दिल्ली का दौरा कर चुके। ऐसी खबर है कि वे अपने राज्य के लिए भारत पेट्रोलियम की एक रिफाइनरी का प्रोजेक्ट पास करा चुके। यह 60 हजार करोड़ रुपए के निवेश की परियोजना है। कुछ और घोषणाएं बजट में हो सकती हैं।

लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार न प्रधानमंत्री से मिले हैं और न किसी दूसरे केंद्रीय मंत्री से मिले हैं। उनकी सरकार के मंत्रियों ने भी दिल्ली आकर अपना कोई प्रस्ताव केंद्र सरकार को नहीं दिया है। बजट छपने की प्रक्रिया शुरू हो गई। सो, इस बात की संभावना पहले ही कम हो गई कि बजट में किसी खास सेक्टर को लेकर कुछ अतिरिक्त प्रावधान की घोषणा होगी। मोटा मोटी घोषणाएं हो सकती हैं। लेकिन अगर नीतीश की पार्टी विशेष राज्य के दर्जे की मांग छोड़ने को तैयार है तो विशेष पैकेज के तौर पर उसे अलग अलग सेक्टर के लिए अपना मांगपत्र सरकार के सामने रखना चाहिए। ध्यान रहे नीतीश के मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार ऐसा हो रहा है कि उनकी पार्टी के समर्थन से केंद्र में सरकार टिकी है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार की पार्टी के समर्थन से बनी है। नायडू इसकी कीमत वसूल रहे हैं लेकिन बिहार के नेता सिर्फ बयानबाजी कर रहे हैं।

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By NI Political Desk

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