अब तक गिरिराज सिंह जिस बात का मुद्दा बनाते थे उसे खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुद्दा बनाया है। उन्होंने अपनी चुनावी सभाओं में कई बार कहा है कि पाकिस्तान से राहुल गांधी और विपक्षी गठबंधन को समर्थन मिल रहा है। पाकिस्तान चाह रहा है कि शहजादे प्रधानमंत्री बनें। इसके बाद उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि पाकिस्तान से राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल को समर्थन मिल रहा है, जो कि बड़ी चिंता की बात है। उन्होंने यह भी कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए। इंटरव्यू करने वाले पत्रकार को पूछना चाहिए था कि अगर केंद्र में फिर से नरेंद्र मोदी की सरकार बनती है तो क्या वे इस बात की जांच कराएंगे? बहरहाल, अगर पाकिस्तान के किसी नेता ने, राहुल गांधी या अरविंद केजरीवाल की तारीफ की है तो इसमें क्या बड़ी बात हो गई या इसमें क्या गलत है?
पाकिस्तान दुश्मन देश है, लेकिन वह आज तो दुश्मन बना नहीं है। आजादी के बाद से ही भारत की उससे लड़ाई चल रही है। फिर भी अटल बिहारी वाजपेयी बस में बैठ कर पाकिस्तान गए थे और नरेंद्र मोदी तो अचानक लाहौर पहुंच गए थे वहां के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को बधाई देने। अगर वहां के किसी नेता द्वारा तारीफ की बात करें तो पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने जेल जाने से पहले कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की। उन्होंने रूस और यूक्रेन युद्ध के बाद रूस पर लगी पाबंदी के बावजूद वहां से कच्चा तेल खरीदने के प्रधानमंत्री मोदी के फैसले की तारीफ की। इमरान खान ने कई बार कहा कि मोदी स्वतंत्र विदेश नीति पर काम करते हैं और किसी की परवाह नहीं करते। सोचें, इमरान खान जब मोदी की तारीफ कर रहे थे तो उसे तमगे की तरह लगा कर प्रचारित किया जा रहा था और जब फवाद हुसैन किस्म को दूसरी कतार के नेता ने राहुल गांधी की तारीफ कर दी तो यह बड़ी चिंता की बात हो गई और इसकी जांच की जरुरत आन पड़ी!