संसद का मानसून सत्र समाप्त होने के बाद ही एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में फेरबदल की चर्चा शुरू हो गई है। पिछले महीने 20 जुलाई को सत्र शुरू होने के ठीक पहले तक यह चर्चा चलती रही थी। अब कहा जा रहा है कि 15 अगस्त के बाद मंत्रिमंडल में फेरबदल होगी और कुछ नए चेहरे सरकार में शामिल होंगे। सहयोगी पार्टियों की ओर से इस बात की ज्यादा चर्चा चलाई जा रही है लेकिन भाजपा के नेता भी उम्मीद लगाए हुए हैं। ध्यान रहे प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी दूसरी सरकार में जुलाई 2021 में फेरबदल की थी। उसके बाद एक छोटा बदलाव कानून मंत्री को बदलने का हुआ। तभी कम से कम एक और बदलाव की चर्चा होती रही है।
बहरहाल, पहले कहा जा रहा था कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व कुछ चीजों का इंतजार कर रहा है, जिसके बाद बदलाव होगा। उनमें एक चीज यह बताई जा रही थी कि बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी वापस एनडीए में लौट सकती है। लेकिन अब उसकी संभावना नहीं दिख रही है। दूसरी चीज यह कही जा रही थी कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस बात के लिए तैयार किया जा रहा है कि वे केंद्र में मंत्री बन जाएं और ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश में मुख्यमंत्री बनाया जाए। लेकिन अब इसकी भी संभावना खत्म हो गई है। सो, इनके बगैर ही सरकार में फेरबदल करनी होगी।
जानकार सूत्रों के मुताबिक महाराष्ट्र की दोनों सहयोगी पार्टियों ने भाजपा पर दबाव बनाया है। शिव सेना के नेता और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की पार्टी के नेताओं का कहना है कि भाजपा अपना किया हुआ वादा पूरा नहीं कर रही है। न प्रदेश में उसके और मंत्री बनाए जा रहे हैं और न केंद्र में किसी को मंत्री बनाया गया है। तभी अविश्वास प्रस्ताव पर बोलने के लिए शिव सेना से दो नाम तय किए गए थे लेकिन बाद में मुख्यमंत्री के बेटे श्रीकांत शिंदे अकेले ही बोले। इसी तरह राज्यसभा में दिल्ली के सेवा बिल पर शरद पवार की पार्टी की ओर से व्हिप जारी नहीं किया गया था फिर भी प्रफुल्ल पटेल ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। एकनाथ शिंदे और अजित पवार दोनों की ओर से मंत्रिमंडल में जगह के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
बिहार से लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के नेता चिराग पासवान इंतजार कर रहे हैं कि कब उनकी शपथ होती है। अभी उनके चाचा पशुपति पारस केंद्र सरकार में मंत्री हैं। हालांकि यह तय नहीं है कि चिराग उनकी जगह मंत्री बनेंगे या उनको बनाए रखते हुए चिराग को बनाया जाएगा। भाजपा के जानकार सूत्रों का कहना है कि उत्तर प्रदेश के मंत्रियों में से कुछ को हटाया जा सकता है। अब जिनको भी हटाया जाएगा उनको संगठन में भी नहीं भेजा जा सकता है क्योंकि पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपने संगठन का ऐलान कर दिया है। यह भी कहा जा रहा है कि भाजपा के जिस मंत्री को सरकार से हटाया जाएगा उसको लोकसभा चुनाव में टिकट भी शायद ही मिले।