भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार का भारत प्रेम अचानक ही जागा है। पहले इस तरह की कोई पहल न भाजपा की ओर से हो रही थी और न केंद्र सरकार कर रही थी। यहां तक कि कोई दो दशक पहले मुलायम सिंह यादव ने देश का नाम भारत करने का सुझाव दिया था तो भाजपा ने उसे ठुकरा दिया था। उत्तर प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बतौर सांसद संसद में एक प्रस्ताव रखा था कि देश का नाम हिंदुस्तान कर देना चाहिए। इसके अलावा भी कई ऐसे तथ्य हैं, जिनसे पता चलता है कि भाजपा का भारत प्रेम अचानक जागा है। जब विपक्षी पार्टियों के गठबंधन ने बेंगलुरू की बैठक में अपना नाम ‘इंडिया’ कर लिया तो उसकी काट में भारत नाम आगे बढ़ाया जा रहा है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार की इस समय दो सौ योजनाएं चल रही हैं, जिनमें से ज्यादातर योजनाएं नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद शुरू की हैं। मोदी सरकार की योजनाओं में से 52 के नाम में इंडिया शामिल है। इसके बाद सबसे ज्यादा 22 योजनाओं के नाम में भारत है और सिर्फ पांच योजनाओं के नाम में भारत है। सो, जाहिर है कि अगर प्रधानमंत्री मोदी या भाजपा का भारत प्रेम पुराना होता तो सरकार बनने के बाद 50 से ज्यादा योजनाएं इंडिया नाम से नहीं शुरू की जातीं। इंडिया नाम सिर्फ योजनाओं में शामिल नहीं था, बल्कि बोलने और लिखने में भी हर जगह इसका इस्तेमाल होता था। लेकिन अचानक पिछले 10 दिन में सब कुछ बदल गया। हर जगह भारत लिखा जाने लगा।