यह हैरान करने वाला शीर्षक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 22 सितंबर को अमेरिका के न्यूयॉर्क में होने वाले कार्यक्रम का है। प्रधानमंत्री मोदी इस संयुक्त राष्ट्र महासभा की सालाना बैठक में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका जा रहे हैं। वे 26 सितंबर को महासभा की बैठक को संबोधित करेंगे। उससे पहले 22 सितंबर को न्यूयॉर्क में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करने का उनका कार्यक्रम तय है। बताया जा रहा है कि जिस स्टेडियम में उनका कार्यक्रम होना है उसकी क्षमता 22 हजार के करीब है लेकिन 28 अगस्त तक ही 24 हजार से ज्यादा लोग इसके लिए रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। यानी स्टेडियम की क्षमता के दोगुने से ज्यादा लोगों के कार्यक्रम में शामिल होने की संभावना है। जाहिर है आधे से ज्यादा भीड़ स्टेडियम के बाहर होगी।
सोच सकते हैं कि इससे भारत में कैसा माहौल बनेगा? भारत के मीडिया समूह किस तरह से इस इवेंट को कवर करेंगे और कैसे मोदी को विश्व का सबसे बड़ा नेता दिखाया जाएगा। लेकिन सबसे हैरान करने वाला इस इवेंट का शीर्षक है। इसमें भारत और अमेरिका के एक साथ आगे बढ़ने की बात नहीं कही गई है, बल्कि मोदी और अमेरिका के एक साथ आगे बढ़ने की बात कही गई है। यहां भारत और मोदी को एक कर दिया गया है। आयोजकों ने दिखाया है कि मोदी ही भारत हैं। मोदी और अमेरिका साथ साथ आगे बढ़ रहे हैं इसका मतलब है कि भारत और अमेरिका आगे बढ़ रहे हैं। आगे बढ़ने की यह थीम अमेरिकी चुनाव के प्रचार में भी इस्तेमाल हो सकती है। ध्यान रहे मोदी अमेरिका के पिछले चुनाव के समय यानी 2020 में भी अमेरिका गए थे और उनकी सभा में अबकी बार ट्रम्प सरकार का नारा लगा था। यह अलग बात है कि ट्रम्प चुनाव हार गए थे। इस बार मोदी और अमेरिका के आगे बढ़ने की थीम से किसका प्रचार होता यह मोदी के कार्यक्रम के समय ही पता चलेगा।